लंज: नाभि पर बाण लगते ही धू-धूकर जल उठा रावण।
लंज: नाभि पर बाण लगते ही धू-धूकर जल उठा रावण।
लंज में असत्य पर सत्य की जीत का त्यौहार दशहरा पर्व मनाया गया।
शाहपुर : जनक पटियाल /
विजय दशमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम ने दशानन का वध कर अधर्म का नाश किया था। तभी से इस दिन हर साल रावण मारा जाता है। शाहपुर उपमण्डल के तहत लंज समेत कई स्थानों पर रावण के पुतला का दहन किया गया। जिसमें गंधर्व सिंह ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। कमेटी के सदस्यों द्वारा सभी गणमान्यों व रामलीला मंचन कर रहे कलाकारों को स्मृति व्हीनः देकर सम्मानित किया। श्रद्धालुओं के जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। श्रीराम, लक्ष्मण व हनुमान की झांकी हाथी पर निकाली गई और राम-रावण का युद्ध हुआ। नाभि पर बाण लगते ही रावण का पुतला धू-धूकर जल गया।दशमी के दिन प्रभु श्रीराम ने रावण का वध करके अधर्म पर विजय प्राप्त कर धर्म की स्थापना की थी। तभी से इस पर्व को हर्ष व उल्लास के साथ मनाया जाता हैं। चंगर क्षेत्र लंज में रामलीला पा पांडाल में राम व रावण की सेना के बीच युद्ध हुआ।वीर हनुमान युद्ध स्थल में प्रवेश कर बड़े-बड़े राक्षसों के छक्के छुड़ा दिए। इसके बाद लक्ष्मण व मेघनाद के बीच घोर संग्राम छिड़ गया। दोनों ओर के योद्धा एक-दूसरे पर शक्ति बाणों का प्रहार कर रहे थे। मेघनाद ने शक्ति बाण चलाकर लक्ष्मण को मूर्छित कर दिया। लक्ष्मण के मूर्छित होने का समाचार मिलते ही जगत के दुख हरने वाले भगवान श्रीराम दुखी हो गए। हनुमान जी के प्रयास के बाद लक्ष्मण के प्राण बचे फिर लक्ष्मण ने बाण छोड़ा तो मेघनाद के प्राण पखेरू उड़ गए। मेघनाद की मौत के बाद रावण के क्रोध की सीमा न रही। वह अपनी सेना के साथ भगवान राम से युद्ध करने लगा। थोड़ी देर के लिए यह युद्ध तो देवताओं को भी सामंजस्य में डाल दिया। फिर विभीषण के बताने पर प्रभु श्रीराम ने रावण की नाभि में तीर मारा तो वह तो वह धू-धूकर जलने लगा। रावण का अंत होते ही दर्शकों के मुख से जय श्रीराम के जयकारे निकलने लगे। राम-रावण युद्ध का दृश्य देखकर दर्शक आकर्षित हो गए। इसके मौके पर पुलिस प्रशासन काफी चुस्त-दुरुस्त रहा। इस मौके पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष गुगलु धीमान, दशहरा कमेटी प्रधान विनोद ने सभी गणमान्य व प्रबुद्धजनों का आभार जताया।
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