मुख्य न्यायाधीश के विरुद्ध अशोभनीय कृत्य व रोहडू प्रकरण के विरोध में विभिन्न संगठनों ने सौंपा ज्ञापन - Smachar

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मुख्य न्यायाधीश के विरुद्ध अशोभनीय कृत्य व रोहडू प्रकरण के विरोध में विभिन्न संगठनों ने सौंपा ज्ञापन

 मुख्य न्यायाधीश के विरुद्ध अशोभनीय कृत्य व रोहडू प्रकरण के विरोध में विभिन्न संगठनों ने सौंपा ज्ञापन


चम्बा : जितेन्द्र खन्ना /

आज अम्बेडकर मिशन सोसायटी चम्बा, हि.प्र. गुरु रविदास महासभा, अम्बेडकर सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संघ, अनुसूचित जाति कल्याण संघ,  गुरु रविदास सभा, भीमा बाई महिला मंडल, अम्बेडकर यूथ क्लब तथा बाल्मीकि महासभा चम्बा के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त चम्बा के माध्यम से मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश  सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन प्रेषित किया।


यह ज्ञापन हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री न्यायमूर्ति गवई जी के विरुद्ध न्यायालय परिसर में हुए जूता फेंकने जैसे अत्यंत निंदनीय एवं अशोभनीय कृत्य के विरोध में सौंपा गया।

ज्ञापन में कहा गया कि यह घटना न केवल माननीय न्यायमूर्ति की गरिमा पर आघात है, बल्कि भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति असम्मान का द्योतक है।

प्रतिनिधियों ने सरकार से माँग की कि दोषियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, न्यायालय परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर उसे सुदृढ़ बनाया जाए और न्यायपालिका की गरिमा की रक्षा हेतु जनजागरूकता अभियान चलाए जाएँ।


इसके अतिरिक्त, ज्ञापन में रोहडू के लिम्बा गांव में हुई 12 वर्षीय अनुसूचित जाति के बालक की आत्महत्या की घटना पर गहरा दुःख और रोष व्यक्त किया गया।

ज्ञापन के अनुसार, उक्त बालक को एक उच्च जाति से संबंधित महिला ने जातिगत भेदभाव के चलते गाली-गलौज व मारपीट की, उसे गौशाला में बंद कर दिया गया और उसके परिवार से एक बकरे की मांग की गई।

इस घटना से आहत बालक ने घर लौटकर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली।

सामाजिक संस्थाओं ने इसे मानवता और संविधान दोनों के विरुद्ध अपराध बताया और माँग की कि दोषियों के विरुद्ध अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 तथा आत्महत्या के लिए उकसाने के प्रावधानों के अंतर्गत सख्त कार्रवाई की जाए।


संगठनों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि ऐसी घटनाओं पर निष्पक्ष व त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह का दुस्साहस न कर सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार के हस्तक्षेप से न्यायपालिका की गरिमा और सामाजिक समानता के सिद्धांत और अधिक सुदृढ़ होंगे।


इस अवसर पर  मनोहर हितेषी, कृष्ण लाल शाह, अनूप राही, जितेश्वर सूर्या, जितेंद्र सूर्या, सूदन चंद्रा, संदीप लाहौरी, अरुण डालिया, भीम वर्धन, राकेश हितेषी, शिवचरण चंद्रा, हरीशरण भट्ट सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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