हिमाचल-पंजाब सीमा पर क्रशर सामग्री पर टैक्स को लेकर भड़का आक्रोश लगाए पंजाब सरकार मुर्दाबाद के नारे इस मामले मे - Smachar

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हिमाचल-पंजाब सीमा पर क्रशर सामग्री पर टैक्स को लेकर भड़का आक्रोश लगाए पंजाब सरकार मुर्दाबाद के नारे इस मामले मे

 हिमाचल-पंजाब सीमा पर क्रशर सामग्री पर टैक्स को लेकर भड़का आक्रोश लगाए पंजाब सरकार मुर्दाबाद के नारे इस मामले मे


 नूरपुर : विनय महाजन /

नूरपुर हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटे डमटाल क्षेत्र के चक्की पुल पर आज सुबह उस समय माहौल गर्मा गया जब पंजाब सरकार द्वारा क्रशर सामग्री पर लगाए गए नए टैक्स के विरोध में हिमाचल से पंजाब में सामग्री लेकर जाने वाले ट्रक, ट्रैक्टर और टिपर मालिकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इस फैसले को “जनविरोधी व तुगलकी फरमान” बताया।जानकारी के अनुसार, पंजाब सरकार ने रातों-रात एक नया आदेश जारी किया है जिसके तहत हिमाचल प्रदेश से पंजाब में आने वाली क्रशर सामग्री पर भारी टैक्स लगाया गया है। इस आदेश के मुताबिक अब हिमाचल से आने वाले ट्रैक्टर पर 1000 रुपये व सिंगल एक्सल वाहनों पर 1500 रुपये व और मल्टी एक्सल वाहनों पर 3000 रुपये तक का टैक्स लगाया जाएगा।इस नए टैक्स से न केवल क्रशर सामग्री का परिवहन महंगा हो जाएगा, बल्कि इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा, क्योंकि निर्माण सामग्री की कीमतों में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।मोके पर मौजूद प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पंजाब सरकार ने यह आदेश बिना किसी पूर्व सूचना के लागू कर दिया है। न तो वाहन मालिकों को तैयारी का समय दिया गया और न ही माइनिंग कारोबारियों से कोई सलाह-मशविरा किया गया। उन्होंने कहा कि “हम हिमाचल से जीएसटी बिल और माइनिंग फॉर्म लेकर पंजाब में प्रवेश करते हैं, फिर भी हमें अतिरिक्त टैक्स देना पड़ रहा है। ऐसे में जीएसटी बिल की कोई अहमियत ही नहीं रह गई है।”विरोध करने वालों का कहना था कि अगर पंजाब सरकार को टैक्स लगाना ही था तो कम से कम उन्हें कुछ दिन का समय देना चाहिए था ताकि वे अपने ग्राहकों और कारोबारियों को सूचित कर सकें। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर यह टैक्स फैसला वापस नहीं लिया गया तो आने वाले दिनों में वे पंजाब में बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे और सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगेl इससे न केवल निर्माण कार्य प्रभावित होंगे बल्कि पहले से आर्थिक तंगी झेल रहे वाहन मालिकों और चालकों की रोज़ी-रोटी पर भी संकट मंडराने लगा है।स्थानीय व्यापारियों ने भी इस निर्णय की आलोचना की है l और इसे “सीमा पार व्यापार पर रोक लगाने की कोशिश” बताया है। उन्होंने मांग की कि पंजाब सरकार जल्द से जल्द इस आदेश को रद्द करे, अन्यथा हिमाचल-पंजाब सीमा पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे।

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