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इफको मंडी ने किसानों को नैनो उर्वरकों के प्रति किया जागरूक

 इफको मंडी ने किसानों को नैनो उर्वरकों के प्रति किया जागरूक

100 से अधिक किसानों ने लिया प्रशिक्षण में भाग


 मंडी : अजय सूर्या /

इफको मंडी द्वारा आज जिला मंडी की शाला पंचायत में प्रगतिशील किसानों के लिए नैनो उर्वरकों पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक किसानों ने भाग लेकर नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के लाभों की जानकारी प्राप्त की


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सुधीर कटियार (राज्य विपणन प्रबंधक, शिमला) उपस्थित रहे। इस अवसर पर एसएमएस गोहर डॉ. गगन, कृषि विभाग से ललित , इफको शिमला के क्षेत्र अधिकारी विशाल शर्मा, इफको जिला मंडी के क्षेत्र अधिकारी रोहित गलोटिया, गोहर यूनियन के प्रधान  धर्मेंद्र, तथा इफको अधिकारी धमेंदर, खेमराज और पुनीत विशेष रूप से उपस्थित रहे।


डॉ. सुधीर कटियार ने किसानों को नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के उपयोग की वैज्ञानिक विधि बताते हुए कहा कि फसल के बीजों को प्रति किलोग्राम बीज पर 5 मिली नैनो डीएपी से उपचारित किया जाए। वहीं, जब फसल 30 से 35 दिन की हो जाए तो 4 मिली नैनो डीएपी प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि इस विधि से 50% तक दानेदार डीएपी की बचत संभव है।


उन्होंने आगे बताया कि नैनो यूरिया भी 4 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर नैनो डीएपी के साथ एक साथ छिड़काव किया जा सकता है। नैनो उत्पादों के साथ खरपतवार नाशक व अन्य कीटनाशक दवाओं का भी आसानी से प्रयोग किया जा सकता है।


डॉ. कटियार ने कहा कि नैनो उर्वरकों के उपयोग से किसान न केवल खाद की मात्रा को आधा कर सकते हैं बल्कि मृदा, जल और वायु प्रदूषण को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है, क्योंकि दानेदार खाद का केवल 30-40% हिस्सा ही पौधों द्वारा उपयोग होता है, जबकि नैनो उर्वरक 90-95% तक पौधों द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं।


उन्होंने किसानों से अधिक से अधिक नैनो उर्वरक अपनाने का आह्वान किया ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ कृषि उत्पादन में भी बढ़ोतरी हो सके।

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