आइए जानें चंद्रयान मिशन कहां तक पहुंचा - Smachar

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आइए जानें चंद्रयान मिशन कहां तक पहुंचा

आइए जानें चंद्रयान मिशन कहां तक पहुंचा 



चंद्रयान मिशन के जरिए भारत दूसरी बार चांद की सतह पर पहुंचने की कोशिश कर रहा है. 2019 में भी चंद्रयान-2 के तौर पर स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च किया गया था, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली थी. नए मिशन को पुरानी गलतियों से सबक लेने के बाद लॉन्च किया गया है. अगर चंद्रयान-3 मिशन सफल रहता है, तो स्पेसक्राफ्ट के साथ जाने वाले लैंडर और रोवर 14 दिनों तक वैज्ञानिक डाटा इकट्ठा करेंगे.

चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी से लॉन्च होने के बाद अपने सफर पर रवाना हुआ है. अभी ये धीरे-धीरे चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है. चंद्रमा तक पहुंचने में इसे काफी वक्त लगने वाला है. स्पेसक्राफ्ट 23 अगस्त तक चंद्रमा पर पहुंचने वाला है।

इंडियन स्पेस ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने चंद्रयान-3 मिशन के लिए नए ऑर्बिट पैरामीटर यानी पृथ्वी से दूरी को तय किया है. कुल मिलाकर पृथ्वी की कक्षा से दूरी बताने वाले पांच ऑर्बिट तय किए गए हैं. अभी चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा का ही चक्कर लगा रहा है. दरअसल, स्पेसक्राफ्ट को चंद्रमा तक पहुंचने से पहले पृथ्वी के कुछ चक्कर लगाने होते हैं, जिसके बाद वह स्पीड बढ़ाते हुए सीधे चंद्रमा की ओर रवाना होगा।


स्पेसक्राफ्ट ने चौथे ऑर्बिट-रेजिंग मैन्यूवर को पूरा किया है, जिसके बाद पृथ्वी से इसकी सबसे करीबी दूरी 233 किलोमीटर और सबसे दूर वाली दूरी 71,351 किलोमीटर है. इस तरह ये अभी पृथ्वी के करीब ही है. 25 जुलाई को पांचवें ऑर्बिट-रेजिंग मैन्यूवर को अंजाम दिया जाएगा, जिसके बाद चंद्रमा की ओर रवाना हो जाएगा।

चंद्रयान स्पेसक्राफ्ट अभी आधे रास्ते भी नहीं पहुंचा है. चंद्रमा तक के सफर के लिए स्पेसक्राफ्ट के इंजन को बार-बार चलाया जा रहा है. स्पेसक्राफ्ट के प्रोपल्शन मॉड्यूल के जरिए चौथे ऑर्बिट-रेजिंग मैन्यूवर को पूरा किया गया. अगर आसान भाषा में इस चीज को समझा जाए, तो प्रोपल्शन का काम स्पेसक्राफ्ट को आगे की ओर धकेलना होता है, ताकि ये अपने सफर तक पहुंच जाए. इस तरह ये धीरे-धीरे चंद्रमा की ओर जाने लगा है।

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