पिता ने देखा सपना पूरा करने अखाड़े में पहलवानों को पटकनी देने निकलीं गुलहारो,ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है सपना - Smachar

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पिता ने देखा सपना पूरा करने अखाड़े में पहलवानों को पटकनी देने निकलीं गुलहारो,ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है सपना

पिता ने देखा सपना... पूरा करने अखाड़े में पहलवानों को पटकनी देने निकलीं गुलहारो,ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है सपना


डलहौजी: सुभाष महाजन

अंडर-20 जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता के लिए चयन, स्थानीय दंगल में हिस्सा लेकर पढ़ाई का खर्च निकालती है जिला चंबा के चुराह की बेटी

नोएडा में 27 मार्च से होगी राष्ट्रीय प्रतियोगिता, हरियाणा में कोच से सीख रहीं कुश्ती खेल के दांव-पेंच

पिता की आंखों का देखा सपना पूरा करने के लिए एक बेटी अखाड़े में उतर आई है। *चंबा जिला के चुराह तहसील की टिकरीगढ़ पंचायत के दलवाई गांव की गुलजारो का चयन अंडर-20 जूनियर राष्ट्रीय महिला कुश्ती प्रतियोगिता के लिए हुआ है नोएडा में 27 मार्च से राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित होगी*। वह हरियाणा में अपने कोच कुलदीप मलिक से कुश्ती के दांव-पेंच सीख रही है, गुलजारो के पिता रमजान का सपना है कि उनकी बेटी देश के लिए स्वर्ण पदक लेकर लौटे। गुलजारो निर्धन परिवार से संबंधित है। वह स्थानीय स्तर पर होने वाले दंगलों में हिस्सा लेती रहती है। इससे एकत्रित होने वाले पैसे से पढ़ाई का खर्च चलाती है। गुलजारो ने कहा कि उसके पिता रमजान को कुश्ती का शौक था, लेकिन पारिवारिक कारणों के चलते वह खेल नहीं पाए। पिता खेतीबाड़ी से परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। पिता का सपना साकार करने के लिए एक वर्ष पहले वह स्कूल स्तर पर कुश्ती के लिए चयनित हुईं। शिक्षक से कुश्ती के गुर सीखकर मंडी के सुंदरनगर में आयोजित राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया। यहां से उनका चयन अंडर 20 जूनियर राष्ट्रीय महिला कुश्ती प्रतियोगिता के लिए हुआ है। उनके परिवार में उनका एक बड़ा और एक छोटा भाई हैं। परिवार का कुश्ती से दूर-दूर तक नाता नहीं है। उनकी माता सरदारो गृहिणी हैं। उनकी प्रारंभिक और आगे की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लौहटिकरी से हुई है। बताया कि उनका सपना ओलंपिक में स्वर्ण जीत कर अपने पिता का सपना साकार करने का है।

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