अधिकारियों का ऐसा व्यवहार मुख्यमन्त्री के व्यवस्था परिवर्तन एवं गुड गवर्नस को दे रहा है चुनौती :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक - Smachar

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अधिकारियों का ऐसा व्यवहार मुख्यमन्त्री के व्यवस्था परिवर्तन एवं गुड गवर्नस को दे रहा है चुनौती :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक

 अधिकारियों का ऐसा व्यवहार मुख्यमन्त्री के व्यवस्था परिवर्तन एवं गुड गवर्नस को दे रहा है चुनौती :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक ......


यह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा कि उप मण्डल अधिकारी ( नागरिक ) पालमपुर के कार्यालय की छत के ही नीचे उप मण्डल पुलिस अधिकारी व ज्यादा से ज्यादा चार सो मीटर की दूरी पर नगर निगम आयुक्त का कार्यलय स्थित है। आज ढाई महिने हो गये बतौर आई ए एस उप मण्डल अधिकारी नेत्रा मेती ने अपने पत्र क्रमांक 180 एस० डी ० पी० / पी० ए०. दिनांक ०8 - ०2 - 2024 के तहत पत्र को मूल रुप में संलग्न करके इन दोनों अधिकारियों की सेवा में प्रेषित कर कृत कार्यवाही से प्राथी को भी अवगत करवाने के आदेश जारी किये थे । पूर्व विधायक ने कहा यह मामला सुग्गर ( पालमपुर ) की अपाहिज बेटी सीमा सूद का है जो कि "रुमेटाईड अर्थराईटिस" बीमारी से पीड़ित है। सीमा सूद ने विटस पिलानी से कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल हासिल कर 98 प्रतिशत नम्बर लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन की है। प्रदेश सरकार ने ही इसकी इस गम्भीर बीमारी के उपचार पर लाखों रुपये खर्च करके बिस्तर से उठने योग्य बनाया है लेकिन अव भी यह थोड़ा बहुत ही बाकर के सहारे चल पाती है। । पूर्व विधायक ने बताया सीमा सूद की जीवन गाथा दिल को दहला देने वाली है। बैड रिडन सीमा सूद के साथ पिछले दिनों पडोसी , नगर निगम आयुक्त कार्यालय व जो पुलिस का उसके साथ व्यवहार रहा उससे बेहद आहत होकर उसने समाज सेवा में समर्पित इन्साफ संस्था को पत्र लिखकर इन्साफ की गुहार लगाई है। इन्साफ संस्था ने सीमा सूद के पत्र पर त्वरित कार्यवाही अमल में लाते हुए इस विषय को तत्कालीन उप मण्डल अधिकारी के पास लिखित रुप में अविलम्ब उचित कार्यवाही हेतु प्रेषित किया था । इसी बीच निवर्तमान एस डी एम साहब का तबादला हो गया ओर पता नहीं संस्था का यह पत्र कहां गायब हो गया । बाद में जैसे ही न ई आई ए एस एस डी एम नेत्रा मेती ने कार्य भार संभाला इन्साफ के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक प्रवीन कुमार व सचिव धीरज ठाकुर ने इस मामले को उनके ध्यानार्थ लाया । इस पर नेत्रा मेती ने अपना मानवीय परिचय देते हुए चौबीस घण्टे के भीतर भीतर बाकायदा कार्यलय से मैन्सजर भेजकर संस्था को अपना लिखित जवाब प्रेषित कर दिया लेकिन आगे इस संवेदनशील मामले में उपरोक्त अधिकारियों का दृष्टि कोण आज दिन तक कृत कार्यवाही से अवगत न करवाते हुए कैसा है। यह सुक्खू सरकार के व्यवस्था परिवर्तन व गुड गवर्नस को चुनौती दे रहा है।

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