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न्याय पत्र में कांग्रेस पार्टी ने ओल्ड पेंशन स्कीम पर चुप्पी साधी : सहजल

 न्याय पत्र में कांग्रेस पार्टी ने ओल्ड पेंशन स्कीम पर चुप्पी साधी : सहजल


शिमला, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री राजीव सहजल ने मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल का जवाब देते हुए कहा की देशभर में कांग्रेस पार्टी की मंशा ओपीएस ओल्ड पेंशन स्कीम के हक में नहीं है। वर्तमान सरकार ने भी ओपीएस को प्रदेश में अच्छे से लागू नहीं किया है कहीं जगह अभी भी इस स्कीम को लेकर प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं। 

उन्होंने कहा की पिछले दिनों कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपना घोषणा पत्र जारी किया। 48 पृष्ठों के इस दस्तावेज को पढ़कर ऐसा लगता है कि कांग्रेस दुविधा में है। यह पत्र के झूठ का पुलिंदा है। 

इसमें पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर मोदी सरकार की नीतियों का मौन समर्थन करती नजर आ रही है। कहीं नागिन ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी भी पीएम मोदी के समर्थन में है। सामाजिक मुद्दों पर मुस्लिम लीग और वामपंथी वैचारिकी से पूरी तरह ओतप्रोत नजर भी आ रही है। कांग्रेस द्वारा मुस्लिम पर्सनल ला का समर्थन भी इसी का विस्तार लगता है। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में पांच न्याय और 25 गारंटियों के जरिये न्याय देने-दिलाने का वादा किया है। 

आजाद भारत के 77 में से करीब 55 साल तक कांग्रेस का ही शासन रहा है, तो क्या यह मान लिया जाए कि उसके शासन काल में न्याय की गारंटी कभी नहीं रही? वास्तव में कांग्रेस नेतृत्व के सलाहकारों में वामपंथी सोच से ग्रस्त लोगों का दबदबा बढ़ा है, जिसका असर न्याय पत्र में भी दिखता है। 

उन्होंने कहा की पुरानी पेंशन योजना की मांग इसी का नतीजा थी। पिछले कुछ विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी ने इसे लागू करने का जोर-शोर से वादा किया था। लेकिन न्याय पत्र में पार्टी ने इस पर चुप्पी साध ली। शायद उसे लगने लगा है कि आर्थिक रूप से यह उचित नहीं। उधर कर्नाटक में पांच गारंटियों को ही लागू करने के चलते बीस हजार करोड़ रुपये की योजनाएं ठप करनी पड़ी हैं। हिमाचल की कांग्रेस सरकार भी इस मोर्चे पर कठिनाई महसूस कर रही है। राजस्थान में सत्तारूढ़ रही गहलोत सरकार ने इसे लागू करने का एलान किया था, लेकिन वह भी धन के अभाव के कारण परेशान रही। शायद इसी कारण से कांग्रेस ने अब इस मुद्दे को टाल दिया है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने न्यूनतम न्याय योजना का वादा किया था, लेकिन इस बार पार्टी ने इससे किनारा कर लिया है। लगता है कांग्रेस समझने लगी है कि न्यूनतम न्याय या पुरानी पेंशन योजना को लागू कर पाना आसान नहीं है। 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आपदा के समय भी हिमाचल प्रदेश को बड़ी सौगातें दी पर उसका भी वर्तमान कांग्रेस सरकार ने धन्यवाद नहीं किया 1782 करोड़ एक, 11000 घर दो, सड़कों के लिए 1 लाख करोड़ तीन ऐसे अनेकों बजट केंद्र ने हिमाचल को दी है पर इस पर कांग्रेस सरकार मौन है।

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