केंद्र से पर्यटन केंद्रों के परियोजनाओं को एक माह में मिलेगी मंजूरी, सड़कों के निर्माण में भी मदद का भरोसा
शिमला : केंद्र ने हिमाचल में पर्यटन केंद्रों के निर्माण संबंधी परियोजनाओं को एक माह में मंजूरी देने का आश्वासन दिया है। वहीं, नई सड़कों के निर्माण में भी मदद की बात की है। नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को मदद का आश्वासन दिया।
वहीं, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंटकर सड़कों, पुलों और रज्जूमार्ग परियोजनाओं को लेकर चर्चा की। उन्होंने मंत्री से प्रदेश को उदार वित्तीय सहायता और सहयोग का आग्रह किया। वहीं, चार नई सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव दिया। आग्रह किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण प्रदेश में सुरंगें बनाने की संभावनाएं तलाशी जाए। इससे सड़कों के रखरखाव की लागत में कमी आएगी। सीएम सुक्खू ने सोलन-परवाणू सड़क मार्ग के री-एलाइनमेंट की समीक्षा करने और शिमला-मटौर एनएच के शेष हिस्सों को फोरलेन बनाने की मांग भी की।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि हिमाचल की पर्यटन केंद्रों के निर्माण संबंधी परियोजनाओं को एक माह में मंजूरी मिलेगी। साथ ही प्रदेश में पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए धनराशि जारी करने की बात भी की।
मुख्यमंत्री ने पर्यटन मंत्री से देहरा में आरोग्य केंद्र और हेल्थ रिजॉर्ट, बिलासपुर के औहर में एकीकृत पर्यटन परिसर के निर्माण के लिए भी सहयोग मांगा। साथ ही प्रदेश में गोल्फ कोर्स के निर्माण में सहयोग और वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। सुक्खू ने कहा कि स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत पौंग बांध जलाशय को पर्यटन स्थल के रूप में चयनित किया गया है। पर्यटन परियोजना के क्रियान्वयन के लिए शीघ्र धनराशि प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि प्रसाद योजना के तहत चिंतपूर्णी मंदिर परिसर को विकसित करने के लिए संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी गई है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में आवश्यकताएं अलग होने के कारण नीति आयोग को हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य के लिए वित्तीय सहायता देने को अलग मापदंड निर्धारित करने पर विचार करना चाहिए। मुख्यमंत्री सुक्खू नई दिल्ली में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, आयोग के सदस्य वीके पाल और विशेषज्ञों के पैनल के साथ विशेष बैठक के दौरान बोल रहे थे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश समूचे उत्तर भारत के लिए फेफड़ों का काम करवा रहा है, इसलिए वन क्षेत्र और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए प्रदेश को ग्रीन बोनस मिलना चाहिए।
उन्होंने नीति आयोग से हिमाचल प्रदेश की विशेष जरूरतों का अध्ययन करने और वित्त पोषण एजेंसियों व वित्त आयोग के समक्ष हिमाचल का पक्ष मजबूती से रखने का आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की ओर से क्रियान्वित की जा रहीं जल विद्युत परियोजनाओं की रॉयल्टी में प्रदेश के उचित हिस्से की आवश्यकता पर भी बल दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ग्रीन हिमाचल के विजन पर भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। सुक्खू ने राज्य में प्राकृतिक आपदाओं और कैंसर के बढ़ते मामलों की चुनौतियों पर भी चर्चा की।
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