सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को दी खुशखबरी - Smachar

Header Ads

Breaking News

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को दी खुशखबरी

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को दी खुशखबरी 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि CAPF कर्मी बहुत ही कठिन परिस्थितियों में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं और सीमित पदोन्नति विकल्प के कारण उनके मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप उनके करियर में ठहराव आ सकता है. अदालत के आदेश से CAPF कर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी, जो उच्च स्तर पर IPS से बड़ी संख्या में प्रतिनियुक्ति के कारण अपने करियर में ठहराव का आरोप लगा रहे थे.

CAPF कर्मियों की याचिका स्वीकार करते हुए जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने 22 मई को सुनाए फैसले में कहा

CAPF कैडर अधिकारियों की सेवा गतिशीलता के दोहरे उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, जिससे एक ओर गतिरोध दूर हो और दूसरी ओर बलों की परिचालन/कार्यात्मक आवश्यकता हो, हमारा विचार है कि CAPF के कैडर में वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (SAG) के स्तर तक प्रतिनियुक्ति के लिए निर्धारित पदों की संख्या को समय के साथ उत्तरोत्तर कम किया जाना चाहिए, मान लीजिए दो साल की बाहरी सीमा के भीतर.

दरअसल, CAPF अफसरों की दलील है कि वरिष्ठ पदों को ज्यादातर प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भरा जाता है और जैसे-जैसे कोई पदानुक्रम में ऊपर जाता है, ग्रुप-ए कार्यकारी कैडर में प्रतिनियुक्ति पदों की संख्या बढ़ जाती है और परिणामस्वरूप, बहुत अधिक ठहराव आ जाता है.

उदाहरण के लिए CISF में DG स्तर पर एक पद प्रतिनियुक्ति पर लिया जाता है, ADG स्तर पर चार पदों में से 75 फीसदी प्रतिनियुक्ति से और 25 फीसदी कैडर से लिए जाते हैं, IG स्तर पर 16 पदों में से 50फीसदी प्रतिनियुक्ति से और 50फीसदी कैडर से लिए जाते हैं, DIG स्तर पर 67 पदों में से 30फीसदी प्रतिनियुक्ति से और 70फीसदी कैडर से लिए जाते हैं.

पीठ ने कहा

हम CAPF के अधिकारियों द्वारा व्यक्त की गई शिकायतों से भी अनभिज्ञ नहीं हो सकते हैं, जैसा कि उजागर किया गया है.

देश की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने के साथ-साथ हमारी सीमाओं की रक्षा करने और देश के भीतर आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में उनकी समर्पित सेवा को अनदेखा या अनदेखा नहीं किया जा सकता है.

वे बहुत ही कठिन परिस्थितियों में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं.

उनकी शिकायत है कि संबंधित CAPF अफसर समय पर पदोन्नति पाने में असमर्थ हैं.

नतीजतन, बहुत अधिक ठहराव है.

इस तरह के ठहराव से बलों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

इस तरह के नीतिगत निर्णयों की समीक्षा पर विचार करते समय इसे भी ध्यान में रखना चाहिए.

अदालत ने केंद्र को सभी CAPF कैडर समीक्षा करने का भी निर्देश दिया, जो 2021 में छह महीने के भीतर होनी थी और प्रत्येक CAPF के मौजूदा सेवा नियमों/भर्ती नियमों की समीक्षा के लिए भी अभ्यास करना था.

कोई टिप्पणी नहीं