हिमाचल सरकार 15 वर्ष की अवधि के लिए 337 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही
हिमाचल सरकार 15 वर्ष की अवधि के लिए 337 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही
शिमला(ब्यूरो):- मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तुत बजट के अनुसार पूर्व भाजपा सरकार 31 मार्च, 2023 तक राज्य पर 76,185 करोड़ रुपए कर्ज विरासत में छोड़ गई। उसके बाद वर्तमान सरकार ने अब तक 29,046 करोड़ रुपए कर्ज लिया है।
इस समय प्रति माह 4 तरह की देनदारियों काे चुकाना पड़ा रहा है। इसमें पहला कर्मचारियों का मासिक वेतन, दूसरा पैंशनरों की मासिक पैंशन, तीसरा पहले लिए ऋण का मूलधन लौटाना और चौथा ऋण के ब्याज का भुगतान करना शामिल है। ऐसे में कर्मचारियों के वेतन पर करीब 1,200 करोड़ रुपए और पैंशनरों की पैंशन पर 800 करोड़ रुपए चुकता करने हैं।
इसी तरह ऋण के ब्याज के तौर पर 500 करोड़ रुपए और कुल ऋण का मूलधन चुकाने के लिए 300 करोड़ रुपए की आवश्यकता रहती है। इस स्थिति में विकास कार्य के लिए 100 रुपए में से सिर्फ 24 रुपए बच रहे हैं। 12,266 करोड़ रुपए सरकार को ब्याज के भुगतान पर व्यय करने पड़े हैं तथा 8,693 करोड़ रुपए विकास कार्यों के लिए बच पाए।
इन आंकड़ों के अनुसार यदि अब प्रदेश सरकार की तरफ से लिए जाने वाले 337 करोड़ रुपए ऋण राशि को जोड़ दिया जाए तो हिमाचल प्रदेश पर 96,875 करोड़ रुपए कर्ज चढ़ जाएगा। इससे पहले राज्य सरकार की तरफ से इसी माह 322 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जाएगा।
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