चम्बा की एक बेटी ने विरासत को संजोए रखने के साथ पिता के हुनर को जिन्दा रखा - Smachar

Header Ads

Breaking News

चम्बा की एक बेटी ने विरासत को संजोए रखने के साथ पिता के हुनर को जिन्दा रखा

चम्बा की एक बेटी ने विरासत को संजोए रखने के साथ पिता के हुनर को जिन्दा रखा

चंबा समाचार

चंबा(जितेंद्र खन्ना):-    वही हुनर, वही कलाकारी उन्ही चीजों का इस्तेमाल कुछ नही बदला, सिर्फ कलाकार बदल गया। जी हां चम्बा की एक बेटी ने विरासत को संजोए रखने के साथ पिता के हुनर को जिन्दा रखने के लिए वही कर दिखाया जो उसके पिता करते थे। 

चम्बा शहर के चमेशनी मोहल्ले की रहने वाली लता के पिता पूर्ण चन्द का निधन 2017 में हुआ। पूर्ण चन्द मूर्तिकला के बेहतरीन कारीगर थे। लता ने पिता के हुनर को जिन्दा रखने के सोच को लेकर यह काम शुरू किया है। लता ने इस साल भी काली माता की दो मूर्तियां बनाई है। जिसे सुल्तानपुर वार्ड के माई का बाग और जुल्हाकड़ी मोहल्ला मां ज्वाला जी मंदिर में माता की ज्योति के साथ रखा जाएगा।

जिला मुख्यालय के साथ लगते मोहल्ला चमेशनी की रहने वाली लता ने बताया कि उसने पराली, लाल मिट्टी, प्लास्टर, कच्ची रस्सी, फटट्े और मलमल का कपड़ा और अलग अलग रंगों का प्रयोग करते हुए 10-15 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद मां काली की दो मूर्तियां तैयार की है।

लता ने कोरोना काल के दौरान श्रीराम लीला क्लब चम्बा के लिए रावण, मेघनाथ और कुम्भकरण के पुतले भी बनाएं थे।

लता का कहना है कि उनके पिता श्रीराम लीला क्लब चम्बा के बहुत पुराने सदस्य थे और क्लब के साथ लगभग 45-50 साल के साथ जुडे़ हुए थे तथा सेवा करते थे। जब उनके पिता पूर्ण चन्द मां काली की मूर्तियां बनाते थे तो वह उनके साथ मूर्ति बनाने में सहायता करती थी। मगर पिता के निधन के होने के बाद लता ने इसका काम बंद कर दिया। हालांकि कई बार लोग लता के पास आकर मूर्ति बनाने के लिए आग्रह करते थे। इसके बाद लता ने पिता के हुनर को जिन्दा रखने के लिए दोबारा से मूर्ति बनाने का फैसला लिया।

लता का कहना है कि आज के समय लड़के लड़कियों में कुछ भी फर्क नही है। आज की लड़कियां किसी से कम नही है, चाहे किसी भी फिल्ड में ही क्यों न हो। बस उनके उपर विश्वास, भरोसा और यकीन करें।

कोई टिप्पणी नहीं