चंबा रुमाल कला का कायल हुआ ब्रिटिश दल - Smachar

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चंबा रुमाल कला का कायल हुआ ब्रिटिश दल

 चंबा रुमाल कला का कायल हुआ ब्रिटिश दल

चमीणू में ब्रिटिश दल ने सीखी चंबा रूमाल की बारिकियां


चंबा : जेतिन्द्र खन्ना/ जिला के चमीणू स्थित नॉट ऑन मैप एचटूओ


हाउस में चंबा व ब्रिटिश संस्कृति का मिलन हुआ। ब्रिटेन से वेंडी डोलन की अगवाई में चंबा पहुंचे 20 लोगों के दल ने यहां पहुंचकर चंबा रूमाल के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। जैसे ही ब्रिटिश दल चमीणू पहुंचा तो यहां चल रहे वैदिक गुरुकुल के विद्यार्थियों ने उनका मंत्रोच्चारण व तिलक से भव्य स्वागत किया। वैदिक गुरुकुल के विद्यार्थियों की ओर से किए गए भव्य स्वागत से दल के सभी सदस्य गदगद हो उठे। यह दल आहिल्या होलिडेस ट्रैवल एजेंसी के साथ चंबा पहुंचा। आहिल्या होलिडेस ट्रैवल एजेंसी की ओर से जिला चंबा के चमीणू स्थित एचटूओ हाउस में चंबा रुमाल पर कार्यशाला व सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसमें नॉट ऑन मैप संस्था का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यशाला में उपायुक्त चंबा डीसी राणा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। जबकि, पदमश्री विजय शर्मा विशेष तौर पर उपस्थित रहे। उपायुक्त ने कार्यशाला का आगाज करते हुए चंबा रूमाल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चंबा रुमाल यहां की बेहतरीन कला का बेमिसाल नमूना है। यहां पर पहुंचने के बाद वेंडी डोलन व समूह के अन्य सदस्यों ने पद्मश्री विजय शर्मा से चंबा रुमाल की बारीकियों के बारे में विस्तार से जाना। पद्मश्री विजय शर्मा ने दल को बताया कि चंबा रूमाल रियासत काल से ही काफी प्रसिद्ध रहा है। इसे तैयार करने के लिए काफी मेहनत लगती है। इस पर कढ़ाई करने के लिए काफी समय लगता है। वहीं, दल ने चंबा रूमाल को तैयार करने की तकनीक भी सीखी। साथ ही यह भी माना कि चंबा रुमाल को तैयार करना काफी मेहनतभरा व बारीक कार्य है। इस दौरान चंबा के सांस्कृतिक दलों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। जिसे देखकर ब्रिटिश ग्रुप काफी उत्साहित दिखा। वहीं, आहिल्या होलिडेस ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले ईशा व अनूप ने कहा कि उनके द्वारा विभिन्न दलों को देश के कोने-कोने में ले जाकर कला व संस्कृति के बारे में अवगत करवाया जा रहा है। चंबा रुमाल कला काफी स्मृद्ध है। इसलिए आने वाले समय में भी वह दोबारा विभिन्न दलों के साथ यहां पहुंचेंगे तथा चंबा रूमाल की बारीकियों से अवगत करवाएंगे। उधर, नॉट ऑन मैप संस्था के सह-संस्थापक मनुज शर्मा ने कहा कि चंबा रूमाल कला को समझने के लिए इससे जुड़ना बहुत जरूरी है। चंबा रुमाल एक ऐसी कला है, जिसने न केवल प्रदेश व देश, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपना लोहा मनवाया है। इस कला से चंबा के विभिन्न समूह जुड़े हुए हैं। इस मौके पर मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह से राष्ट्रीय अवार्डी अनीता, पूनम, सुमन, रेनू, पूजा, किरण, मनीषा, करीना, पूजा तथा दक्षिता, नारायण स्वयं सहायता समूह कुंडी से सुनीता, प्रधान लक्ष्मी देवी, उपप्रधान सुरेंद्र जरयाल, नॉट ऑन मैप संस्था से सूरज, दिवांकिता शाह, तनू, सुरिंद्र, अनूप, हनीफ, विशाल तथा राकेश शेखरी, गाबदिका स्वयं सहायता समूह से शंकर कुमार, पहचान एवं चंबा रीडिस्कवर्ड स्वयं सहायता समूह से ज्योति, निशा, आरती, अनीशा, प्रिया, मनीषा, रफी हाउस से मोहम्मद रफी आदि मौजूद रहे।

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