राजा का तालाब में शहतूत के हरे भरे पेड़ को नुकसान पहुंचाने का मामला गरमाया - Smachar

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राजा का तालाब में शहतूत के हरे भरे पेड़ को नुकसान पहुंचाने का मामला गरमाया

राजा का तालाब में शहतूत के हरे भरे पेड़ को नुकसान पहुंचाने का मामला गरमाया 


आज दिनांक 12 अप्रैल 2024 डक पंचायत राजा का तालाब की घटना यह है कि अपने स्वार्थ के लिए एक दंपती ने हरे भरे व्यस्क शहतूत के पेड़ को किया आग के हवाले । पिछले कल डक पंचायत ने इन्हें पेड़ को किसी भी प्रकार की क्षति न पहुंचाने की हिदायत दी थी । लेकिन दंपती मेघराज मेहरा और उसकी पत्नी देवा रानी ने अपनी सीमा से बाहर एक शहतूत के हरे भरे व्यस्क पेड़ को अग्नि कुंड बनाकर जलाना चाहा । पड़ोसियों के विरोध पर दंपती भड़क कर पुलिस थाने में उनके ही खिलाफ रपट लिखवा आई और संध्या में मौके का नाजायज फायदा उठाकर फिर से शहतूत के हरे भरे पेड़ के इर्द गिर्द सूखे घास को इक्कठा करके आग भड़का दी। आग इतनी बाद गई कि इसका प्रकाश दूर तक देखा जा रहा था लेकिन स्थानीय लोगों ने फिर से इसे पानी फेंककर जब बुझाने की कोशिश करने लगे तो दंपती मेघराज मेहरा शराब के नशे में उन्हें गालियां देता रहा वही उसकी पत्नी भी उसके सहयोग में उतरकर पेड़ को बचाने और उसकी आग बुझाने वालों पर बरस पड़ी।

तो वहीं स्थानीय निवासी सीनियर सिटीजन रक्षा देवी और सुशीला देवी का कहना है कि जिस प्रकार से दंपति ने पेड़ को आग लगाकर जलाना चाहा है ये हमारी पहाड़ी और हिंदू की प्रकृतिवादी संस्कृति के खिलाफ है ।

वहीं अश्वनी कश्यप और पंकज का कहना है कि इस दंपति ने 12 अप्रैल दोपहर बाद पुलिस चौंकी रैहन में पेड़ को बचाने वालों के खिलाफ शिकायत की, और शाम को मौके का नाजायद फायदा उठाकर फिर से पेड़ को आग के हवाले कर दिया।

दंपती मेघराज मेहरा और देवा रानी ने पंचायत की हिदायत के बावजूद भी पेड़ को खुद आग लगाई और खुद ही रेहन चौंकी जाकर पेड़ को बचाने वालों की शिकायत दर्ज करवा आई । फिर ये उसके बाद भी नहीं ठहरे, इसके बाद मौका तलाश कर सूर्यास्त के बाद जब हिन्दू संस्कृति में एक पत्ता भी नहीं तोड़ते इन्होंने इस बेचारे हरे भरे वयस्क पेड़ को पूरा जलाना चाहा । इससे पहले भी इस दंपति ने इस पेड़ को कटवाना चाहा था लेकिन सफल नहीं हो सके ।

इस बारे में जब डक पंचायत प्रधान राजिन्द्र का कहना है कि हमने मेघ राज को कहा था कि आप पंचायत प्रतिनिधियों के सामने निशानदेही करवा लें उसके बाद ही शहतूत के हरे भरे पेड़ के बारे में कहा जा सकता है कि यह किसका है और जब तक कोई फैसला नहीं होता तब तक इस पेड़ को नुकसान ना पहुंचाए।

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