मुख्यमंत्री ने किया विद्युत विभाग में घोर भ्रष्टाचारः सुधीर शर्मा - Smachar

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मुख्यमंत्री ने किया विद्युत विभाग में घोर भ्रष्टाचारः सुधीर शर्मा

 मुख्यमंत्री ने किया विद्युत विभाग में घोर भ्रष्टाचारः सुधीर शर्मा

चोर दरबाजे से विद्युत बोर्ड के समानांतर बना डाली एक निजी कंपनी


धर्मशाला:

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के विद्युत विभाग जैसे अहम विभाग में घोर भ्रष्टाचार हुआ है। पिछले दरवाजे से हिमाचल में पैदा होने वाली बिजली का सौदा एक निजी कंपनी से कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पर यह संगीन आरोप पूर्व मंत्री एवं धर्मशाला से भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा ने लगाया है। धर्मशाला से भाजपा प्रत्याशी सुधीर शर्मा के मुख्यमंत्री पर एक ओर तीखे हमले से प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा हो गई है। सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास विद्युत विभाग जैसा महत्वपूर्ण विभाग है लेकिन मुख्यमंत्री ने विभाग के समानांतर एक एनर्जी मेनेजमैंट कंपनी बना दी है। अब हालात ऐसे हैं कि हिमाचल से बाहर भेजे जाने वाली बिजली की देखरेख यह कंपनी करेगी। किसी प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि बिना विद्युत बोर्ड की सहमति से एक कंपनी का गठन हो गया और उसे इतनी बड़ी जिम्मेवारी भी सौंप दी गई। सुधीर शर्मा ने कहा कि सभी राज्यों में विद्युत बोर्ड ही बिजली खरीदता या बेचता है लेकिन यह इतिहास में पहली बार हुआ है कि अब एक निजी कंपनी किसी प्रदेशी बिजली बेचेगी या खरीदेगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 5000 मीलियन यूनिट बिजली बाहरी राज्यों को बेची जाती है और बिना बोर्ड की सहमति से उक्त एनर्जी मेनेजमेंट कंपनी विद्युत बोर्ड का कार्यभार संभालेगी। हैरानी की बात तो यह है कि बाहरी राज्यों को प्रदेश किस रेट पर बिजली बेचेगा, यह उक्त कंपनी ही तय करेगी यानि सरकार का उस पर कोई नियंत्रण नहीं होगा। सुधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि इससे प्रदेश को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा बिना बोर्ड की अनुमति किसी कंपनी की नियुक्ति कर देना सेंट्रल इलैक्ट्रिीसिटी एक्ट का उल्लंघन है। सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि विद्युत विभाग उन्हीं के पास है, तो अब वह जनता को इसका क्या जबाव देंगे। उक्त कंपनी के साथ एग्रीमेंट करने में किसी अधिकारी अथवा हो सकता है मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर हुए होंगे। बकौल सुधीर शर्मा, सुखविंदर सिंह सुक्खू बताएं कि उक्त कंपनी के साथ हुए करार में उनका कितना योगदान या सहमति रही है। सुधीर शर्मा ने कहा कि गत विधानसभा चुनावों में जनता को निशुल्क बिजली देने का वायदे किया गया था, मुख्यमंत्री बताएं उस वायदे का क्या हुआ। उन्होंने कहा कि जनता के साथ किया वायदा गायब हो गया और अब विद्युत विभाग को कंट्रोल करने के लिए एक कंपनी को बीच में खड़ा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पूरे देश में बिजली उत्पादन में अग्रिणी है लेकिन चुपचाप पिछले दरबाजे से इस विभाग का सौदा कर दिया गया, यह अपने आप में एक घोर भ्रष्टाचार है। सुधीर शर्मा ने केंद्रीय जांच एजेंसियों से निवेदन किया है कि इस भ्रष्टाचार की तत्वरित जांच की जाए ताकि प्रदेश सरकार का भ्रष्टाचार जनता के समक्ष आ सके।

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