वजीर ऐकडेमिक इंटरनेशनल स्कूल में सीबीएससी के निर्देशों के पालन हेतु कैपेसिटी बिल्डिग प्रोग्राम के तहत कार्यशाला रखी गई । - Smachar

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वजीर ऐकडेमिक इंटरनेशनल स्कूल में सीबीएससी के निर्देशों के पालन हेतु कैपेसिटी बिल्डिग प्रोग्राम के तहत कार्यशाला रखी गई ।

 वजीर ऐकडेमिक इंटरनेशनल स्कूल में सीबीएससी के निर्देशों के पालन हेतु कैपेसिटी बिल्डिग प्रोग्राम के तहत कार्यशाला रखी गई ।


इस उपलक्ष पर साहित्यकार पंकज दर्शी को भाषा सम्बन्धी और शिक्षा केंद्रित गुण साझा करने के लिए बतौर वक्ता आमन्त्रित किया गया था । प्रधानाचार्य श्रीमती दीपिका गुलेरिया ने और संचालक श्रीमती जोगिता कौंडल ने इस कार्यशाला की रूप रेख अपने वरिष्ठ अध्यापकों के साथ मिलकर तैयार की थी । इस कार्यशाला में तीन चरण थे, जिसके प्रथम भाग में अध्यापकों को भाषा के प्रत्येक विषय में महत्वपूर्ण जानते हुए भाषा को बेहतर सीखने सिखाने के पहलुओं से श्री दर्शी ने अवगत कराया । शिक्षा को छात्र के ज्ञान केंद्रित करने को लेकर दर्शी ने अपनी प्रस्तुति दी, और तीसरे चरण में शिक्षकों की आवश्यक समस्याओं के लिए बेहतर सुझाव भी दिए । इस कार्यशाला के दौरान शिक्षकों ने अपनी शिक्षा सम्बन्धी तल्लीनता दर्शाते हुए बेहतर भागीदारी दी और अपने अपने विषय सम्बन्धी परिचर्चा में भाग लिया । विद्यालय के एमडी श्री अखिलेंद्र सिंह गुलेरिया ने मुख्य प्रवक्ता पंकज दर्शी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और यश बुक्स पब्लिशर तथा विद्यालय मैनेजमेंट के साझा प्रयास से अध्यापकों को प्रशस्ति पत्र भी भेंट किए । एक दिवसीय इस कार्यशाला में 25 अध्यापकों ने भाग लिया और शिक्षा को बेहतर करने के प्रण के साथ वजीर ऐकडेमिक इंटरनेशनल विद्यालय कोटला में एमडी श्री अखिलेंद्र सिंह गुलेरिया ने बताया कि अपने कोटला क्षेत्र में उनके विद्यालय में हरेक सुविधा, शिक्षा, क्रीड़ा को बेहतर से बेहतर किया जाएगा इसी के साथ पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष उनकी छात्र संख्या भी दोगुनी हुई है । प्रधानाचार्य दीपिका गुलेरिया ने विद्यालय के चहुंमुखी विकास का लाभ स्थानीय लोगों को दिलाने का सपना साझा करते हुए बताया कि वजीर ऐकडेमिक इंटरनेशनल विद्यालय की परिकल्पना उनके ससुर, सेवानिवृत प्रधानाचार्य श्री राजेन्द्र सिंह गुलेरिया की है । विद्यालय क्षेत्र में बेहतर शिक्षा, सुविधा और क्रीड़ा की लेकर आगे भी ऐसी बहुत सी कार्यशाला लगाना चाहेगा क्योंकि इससे अध्यापकों की गुणवत्ता बढ़ती है और छात्रों को इसका लाभ सीधे तौर पर मिलता है ।

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