तीन लड़कों ने 10 साल के लड़के का बारी-बारी किया कुकर्म,माता-पिता को पता तब चला जब बैठने में हुई दिक्कत
तीन लड़कों ने 10 साल के लड़के का बारी-बारी किया कुकर्म,माता-पिता को पता तब चला जब बैठने में हुई दिक्कत
यह घटना मुंबई से उभर कर सामने आई है। लगभग एक महीने पहले शुरू हुआ था, और लड़कों ने कथित तौर पर पहले पीड़ित को नंगा किया, फिर उसके साथ कुकर्म किया। पीड़ित के माता-पिता ने पीड़ित के व्यवहार में बदलाव देखा था, वह अपने तक ही सीमित रहता था, कम खाना खाता था और कम बातचीत करता था, लेकिन उन्होंने मान लिया कि यह शैक्षणिक तनाव के कारण था, परन्तु खुलासा तब हुआ जब पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने पीड़ित के माता-पिता को इसके बारे में बताया। इसके बाद माता-पिता ने लड़के से पूछा तो पीड़ित ने शुरू से लेकर अब तक पूरी घटना परिवार को बताई।
परिवार ने घटना की जानकारी पंतनगर पुलिस स्टेशन में दी। परिवार ने यहां वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजेश केवले से मुलाकात की। पीड़ित लड़के के अनुसार उसके स्कूल के तीन लड़के जो उसी के पड़ोस में रहते हैं। उन्होंने बारी-बारी से उसे अपने घर ले आए, जहाँ उन्होंने उसके साथ कुकर्म किया। यह लगभग एक महीने पहले शुरू हुआ था, और लड़कों ने कथित तौर पर पहले पीड़ित को नंगा किया, फिर उसके साथ कुकर्म किया।
पुलिस स्टेशन में पीड़ित का बयान दर्ज किया गया, जबकि बाद में घाटकोपर में उनके क्षेत्र में एक टीम के द्वारा 12, 15 और 16 साल की उम्र के तीन लड़कों को पुलिस ने हिरासत में लिया और उनके माता-पिता को पुलिस स्टेशन बुलाया गया। उनके माता-पिता ने कहा कि उन्हें पता नहीं था कि स्कूल और ट्यूशन के लिए घर से निकलने के बाद उनके लड़के क्या करते हैं, और चूंकि वे काम के लिए बाहर जाते हैं, ये लड़के आमतौर पर स्कूल के घंटों के बाद एक-दूसरे के घर पर घूमते हैं। पीड़ित के माता-पिता और भी अधिक हैरान थे।
क्योंकि वे तीनों लड़कों को तब से जानते थे जब वे छोटे थे। पुलिस ने कहा कि चारों पड़ोस में एक-दूसरे के साथ खेलते हुए बड़े हुए। चूंकि सभी लड़के नाबालिग थे, इसलिए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका, इसलिए गुरुवार को डोंगरी जुवेनाइल कोर्ट ले जाया गया। एफआईआर में तीनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), और धारा 506 (आपराधिक धमकी) और यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों के संरक्षण अधिनियम की संबंधित धाराओं के आरोप लगाए गए हैं।
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