एजेंटों के चंगुल मस्कट में फंसी लड़की ने सुनाई आपबीती,पासपोर्ट और फोन छीन लिया गया - Smachar

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एजेंटों के चंगुल मस्कट में फंसी लड़की ने सुनाई आपबीती,पासपोर्ट और फोन छीन लिया गया

एजेंटों के चंगुल मस्कट में फंसी लड़की ने सुनाई आपबीती,पासपोर्ट और फोन छीन लिया गया

किसी तरह से इन एजेंटों के चंगुल से निकलकर भागी लड़की के लिए राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल खेवनहार बने। संत सीचेवाल के विदेश मंत्रालय से लगातार संपर्क स्थापित किए जाने के बाद लड़की सकुशल अपने देश लौट पाई है। हालांकि विधवा मां ने तो बेटी के जिंदा लौटने की आस तक छोड़ दी थी

निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी में संत बलबीर सिंह सीचेवाल का धन्यवाद करने मां संग आई लड़की ने कहा कि यदि उनकी मदद न होती तो अरब जैसे देश से वापस आना एक सपना ही बन जाता। पीड़ित लड़की ने बताया कि वह फरवरी 2024 में अपने दोस्त के जरिये नौकरी करने के लिए दुबई गई थी। नौकरी कर वह परिवार की आर्थिक स्थिति को ठीक करना चाहती थी। पिता की मौत के बाद से घर में उसकी विधवा मां, दो छोटी बहनें और एक भाई है। परिवार में सबसे बड़ी होने के नाते उसने घर की आर्थिक स्थिति सुधारने का फैसला किया और दुबई जाकर काम करने का सोचा, लेकिन यह फैसला उसकी जिंदगी पर उस समय भारी पड़ गया, जब उसे एजेंटों ने मस्कट व ओमान में बेच दिया।

एक एजेंट का शिकार बनी जालंधर की लड़की ने पांच माह बेल्ट की मार, खाना बंद करने के साथ-साथ गलत काम के लिए मजबूर किए जाने वाले अमानवीय अत्याचार झेला। उसे मस्कट व ओमान में दो बार बेचा गया। किसी तरह से इन एजेंटों के चंगुल से निकलकर भागी लड़की ने सुनाई दास्तां युवती के मस्कट पहुंचते ही उसे ऑफिस के एक कमरे में बंद कर दिया गया और उसका पासपोर्ट और फोन छीन लिया गया। इसके बाद उसका परिवार से संपर्क टूट गया। वहां काम नहीं मिलने पर लड़कियों को बेल्ट से पीटा जाता था और गलत काम करने के लिए कहा जाता था। वहां दी जाने वाली यातना इतनी भयानक थी कि कभी-कभी तो वह बेहोश हो जाती थीं। वहां न तो उन्हें ठीक से खाना दिया गया और न ही बीमार होने पर इलाज ही कराया जाता। वहां पर जब उन्हें किसी तरह फोन मिला तो उन्होंने सबसे पहले अपने परिवार को फोन किया और इन हालात से अवगत कराया

विधवा मां ने बताया कि जब उन्हें बच्ची के ऐसे हालात के बारे में पता चला तो उन्होंने एजेंट से मिन्नतें करते हुए गुहार लगाई कि उसकी बेटी को वापस ले आओ एजेंट ने बेटी को वापस लाने के लिए लाखों रुपए की डिमांड की। पैसे न देने की स्थिति में उसने अपनी लड़की की वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी। जब उसने कुछ महिलाओं को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने महिला को संत सीचेवाल के बारे में बताया। इसके बाद वह संत सीचेवाल से मिली और बेटी के हालातों के बारे में बताया था।

पीड़ित लड़की ने बताया कि भारतीय दूतावास के दबाव के बाद जब एजेंटों ने उसे वापस भेजना चाहा तो उन्होंने उसे भारत भेजने की बजाय आबूधाबी भेज दिया और उसके सारे पैसे छीन लिए। एजेंट की ओर से उसे फंसाने के लिए एक लड़की को वहां भेजा गया। इस पर पीड़िता ने अपनी बुद्धिमत्ता से काम लेते हुए उसके पीछे लगाई गई पंजाब की लड़की को समझा-बुझाकर सही सलामत भारत ले आई। पीड़िता ने संत सीचेवाल का इस बात के लिए भी धन्यवाद किया कि वापसी के समय देर रात तक वह उसकी मदद करते रहे। जिस कारण दोनों लड़कियों की घर वापसी संभव हो सकी।



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