सभी साधकों ने मिलकर गुरु पूर्णिमा मनाई और गुरु महाराज जी के चरणों में प्रार्थना की कि प्रभु शक्ति और कृपा दें ताकि हम उनके बताए मार्ग पर चल सकें
सभी साधकों ने मिलकर गुरु पूर्णिमा मनाई और गुरु महाराज जी के चरणों में प्रार्थना की कि प्रभु शक्ति और कृपा दें ताकि हम उनके बताए मार्ग पर चल सकें
बटाला (अविनाश शर्मा)महात्मा हरि मिलन जी के आदेशानुसार सभी साधक गुरु मां आश्रम गन्नौर नहीं पहुंच सकते, इसलिए इसी शृंखला के तहत आज अमृतसर, गुरदासपुर गुरु मां ध्यान सैंटर में गुरु पूर्णिमा मनाई जाए। स्थानीय केंद्रों के साधकों ने एकत्रित होकर सबसे पहले अपने गुरु महाराज पूज्य आनंद मूर्ति गुरु मां की मानसिक पूजा कर आरती की, ध्यान, कीर्तन किया और अपने अंदर डुबकी लगाई। इस पवित्र दिन पर सभी साधकों ने गुरु महाराज जी के चरणों में प्रार्थना की कि प्रभु हमें शक्ति और कृपा दें ताकि हम उनके बताए मार्ग पर चल सकें। जिस रास्ते में सतगुरु लग जावे उन राहों के सदके जावां में भजन पर सरोते खूब झूमे अंत में प्रसाद वितरित किया गया
जैसा कि गुरु महाराज आनंद मूर्ति गुरु मां ने आश्रम गन्नौर में गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर कहा, 'हम इस भारत में पैदा होने के लिए बहुत भाग्यशाली हैं, हम सभी भाग्यशाली हैं कि हम ऐसे देश में पैदा हुए हैं, जहां ज्ञान की पूजा की जाती है और ज्ञान की शुरुआत किसी एक व्यक्ति से नहीं हुई है, ज्ञान सनातन है, ज्ञान अनंत है, जब सृष्टि नहीं होगी तब ये पांच स्थायी रूप हैं, जब इसका अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। एक समय में ज्ञान तब भी विद्यमान रहेगा क्योंकि ब्रह्म ज्ञान स्वरूप है, ईश्वर ज्ञान स्वरूप है। लेकिन हम शरीर की पूजा नहीं करते हैं, याद रखें, हम शरीर की पूजा नहीं करते हैं, हम ज्ञान की पूजा करते हैं, ऋषि के माध्यम से जो ज्ञान आया, हम उसे नमन करते हैं। लेकिन वास्तव में हम ब्रह्म को अपना स्वरूप मानकर प्रणाम कर रहे हैं, आत्मा सच्चिदानंद स्वरूप है, आत्मा आनंद स्वरूप है, जिसने यह समझ लिया, उसका जन्म निश्चित है, उसका जन्म सफल है और यदि नहीं तो यदि नहीं। इसका एहसास नहीं है, फिर नए जन्मों में कर्मों का आनंद लेना और नए जन्मों का आनंद लेना और पुराने का आनंद लेना, यह चक्र समाप्त नहीं होता है, आज ज़ो किसी जन्म में आपके पति के साथ किसी और रिश्ते में होगी। आज आपकी जो संतान है वह भी आपके पूर्व संबंधियों के कर्मों का फल है। गुरु जी ने कहा था कि जो बोओगे वही उगोगे। इसलिए हमेशा समाज की भलाई के लिए अच्छे कार्य करने चाहिए।
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