निराश्रितों को सरकार की योजनाओं के लाभ को बनाया सुनिश्चित : उपायुक्त - Smachar

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निराश्रितों को सरकार की योजनाओं के लाभ को बनाया सुनिश्चित : उपायुक्त

 निराश्रितों को सरकार की योजनाओं के लाभ को बनाया सुनिश्चित : उपायुक्त

उपायुक्त बाल आश्रम सलियाणा और फरेड में बच्चों से मिले


पालमपुर उपायुक्त कांगड़ा, हेमराज बैरवा ने बाल आश्रम सलियाणा और तितली होम फ़ॉर चिल्ड्रन फरेड का दौरा किया और यहां रह रहे बच्चों से भेंट की।

     उन्होंने बाल आश्रम में बच्चों को दी जा रही सुविधाओं, खान-पान एवं अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने दोनों स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा निराश्रित बच्चों के लिये किये जा रहे प्रयासों की सराहना की और ज़िला प्रशासन की ओर से हर सम्भव सहायता का भरोसा भी दिलाया। 

    उपायुक्त ने कहा कि सरकार कमजोर वर्गों, विशेष कर निराश्रित बच्चों एवं महिलाओं के लिये चिंतित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऐसे बच्चों के लालन पोषण, बेहतर पढ़ाई और सुखद भविष्य के निर्माण की जिम्मेवारी ली है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना आरंभ कर प्रदेश के निराश्रित बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के लुथान में भी निराश्रित बच्चों के लिये सुखाश्रय परिसर का निर्माण किया जा रहा है जहाँ बच्चो को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

       उन्होंने कहा कि निराश्रित बच्चों को लघु एवं सूक्ष्म उद्योग की स्थापना के लिए 2 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जा रहा है ताकि वे स्वरोजगार के लिए प्रेरित हो सकें। उन्होंने कहा कि सुख-आश्रय योजना के अन्तर्गत चिन्हित किए गये अनाथ बच्चे, जो कि अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं, उन्हें भी 27 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक 4000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। 

   उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत अनाथ बच्चों को वार्षिक आधार पर 15 दिवसीय अध्ययन भ्रमण करवाया जाएगा, जिस दौरान उन्हें तीन सितारा होटलों में ठहराने सहित उनकी हवाई यात्रा तथा अन्य व्यय प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों को प्रदत्त यह अधिकार दया के रूप में नहीं अपितु एक कानून बनाकर उन्हें उपलब्ध करवाया गया है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को 10 हजार रुपये वस्त्र भत्ता, 500 रुपये उत्सव अनुदान और 2 लाख रुपये विवाह अनुदान का भी प्रावधान है। उच्च शिक्षा के लिए यह बच्चे एक लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता के लिए पात्र हैं और उन्हें 4000 रुपये प्रतिमाह जेब खर्च भी दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार का भूमिहीन अनाथ बच्चों को गृह निर्माण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि और शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा भूमि तथा तीन लाख रुपये की वित्तीय सहायता का भी प्रस्ताव है। 

       उपायुक्त ने सलियाणा बाल आश्रम में जिम तथा पार्क बनवाने का आश्वासन भी दिया।

      इस अवसर पर एसडीएम पालमपुर नेत्रा मेती, आश्रम के प्रभारी संतोष वालिया, गौरव शर्मा, निधि मिश्रा सहित स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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