ग्राम पंचायत कलाहोड़ में प्रकृतिक खेती पर प्रशिक्षण शिविर हुआ आयोजित
ग्राम पंचायत कलाहोड़ में प्रकृतिक खेती पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित
सुंदरनगर : कृषि प्रद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा जिला मंडी विकास खंड सुंदरनगर द्वारा ग्राम पंचायत कलाहोड़ के में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अंतर्गत सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें किसानों को प्राकृतिक खेती व प्राकृतिक खेती में उपयोग होने वाले सभी घटकों के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।
सुंदरनगर कृषि विकासखंड के खंड तकनीकी प्रबंधक लेखराज, शिवानी शर्मा और सहायक तकनीकी प्रबंधक योगराज ने किसानों को प्राकृतिक खेती में उपयोग होने वाले घटकों को प्रयोगात्मक रूप से बताया गया जिसमें बीजामृत, घनजीवामृत, जीवामृत,द्रेकस्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्निअस्त्र तथा सप्तधान्य अंकुर अर्क आदि थे।
खंड तकनीकी प्रबंधक लेखराज ने बताया कि इस तरह की गतिविधियों को आयोजित करने का उद्देश्य है कि संपूर्ण किसान वर्ग प्राकृतिक खेती के बारे में जाने और लाभ उठाएं।
जमीन के लिए फायदेमंद।
उन्होंने कहा कि आजकल किसान अपनी फसल को किसी भी प्रकार की बीमारी या कीड़े से बचने के लिए अलग-अलग प्रकार के रासायनिक और कीटनाशकों का छिड़काव करते है। इसके कारण जमीन के उपजाऊपन को नुकसान पहुँचता है और कुछ समय बाद फसलों की पैदावार भी अच्छे से नहीं हो पाती है। मगर शून्य बजट प्राकृतिक खेती के दौरान जमीन का उपजाऊपन बना रहता है और फसलों की पैदावार भी अच्छी होती है।
कम लागत खेती
चूंकि प्राकृतिक खेती स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों पर निर्भर करती है और सिंथेटिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करती है, यह किसानों के लिए उत्पादन लागत को कम करती है।
जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन
प्राकृतिक कृषि पद्धतियाँ, जैसे फसल विविधता और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, खेतों को चरम मौसम की घटनाओं और बदलते वर्षा पैटर्न सहित जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति अधिक लचीला बनाती हैं।
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