सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल ने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर की आत्महत्या
सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल ने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर की आत्महत्या
सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल अनिल कुमार हीरणवाल ने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उसने अपनी सर्विस रिवॉल्वर निकाली और गर्दन पर गोली मार ली। गर्दन में मारी गई गोली सिर पर आकर अटक गई। जिससे मौके पर ही अनिल की मौत हो गई। अनिल झुंझुनूं जिले के पिलानी के समीप खेड़ला गांव का निवासी था। सुसाइड के कारणों का अभी खुलासा नहीं हुआ है. लेकिन माना जा रहा है 38 वर्षीय अनिल कुमार ने यह कदम पारिवारिक झगड़े के कारण उठाया है।
घटना मंगलवार देर शाम की कपूरथला मॉडर्न जेल की है. बताया गया कि ड्यूटी पर जाने से 10 मिनट पहले अनिल के पास किसी का फोन आया. इसके बाद उसने अपनी सर्विस रिवॉल्वर निकाली और गर्दन पर गोली मार ली। गुरुवार सुबह अनिल कुमार का शव पैतृक गांव खेड़ला पहुंचा. जहां पर सैन्य सम्मान और गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया. 13 साल की बेटी अगम और पांच साल के बेटे मयंक ने ना केवल अपने पिता के पार्थिव देह को कंधा दिया. जबकि 5 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी।
जवान अनिल कुमार का झगड़ा किससे और किस बात का है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. लेकिन उनके अंतिम संस्कार में भी भारी ड्रामा हुआ. दिवंगत जवान अनिल की पत्नी ने ससुराल पक्ष के अंतिम संस्कार में शामिल होने पर आपत्ति जताई. जिसके कारण करीब दो घंटे देरी से अंतिम संस्कार हो पाया. वहीं बेटी ने भी परिवार के ही कुछ लोगों पर पिता को मानसिक प्रताड़ना देने का आरोप लगाया है. इस झगड़े को लेकर अधिकारिक तौर पर परिवार के लोग अभी कुछ नहीं कह रहे है
सीआरपीएफ डिप्टी कमांडेंट वीआर डांगी, पिलानी सीआई नारायण सिंह आदि ने भी पुष्प अर्पित किए. इस मौके पर अनिल कुमार अमर रहे के नारे भी ग्रामीणों ने लगाकर अपने लाडले को विदाई दी। ग्रामीणों की मानें तो अनिल हीरणवाल के पिता का निधन पहले हो चुका है. बेटी 13 साल की अगम और बेटा पांच साल का मयंक है. अनिल हीरणवाल 21 साल पहले 2003 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. वहीं वे सीआरपीएफ 245 बटालियन में हैड कांस्टेबल थे. ग्रामीणों ने बताया कि लोकसभा चुनावों में पांच दिन की छुट्टी पर अनिल गांव आकर गए थे।
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