वन अधिकार अधिनियम पर शिमला में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
वन अधिकार अधिनियम पर शिमला में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
शिमला : गायत्री गर्ग /
वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रभावी क्रियान्वयन व जागरूकता हेतु आज उपायुक्त कार्यालय शिमला के बचत भवन सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कांगड़ा राहुल चौहान ने अधिनियम बारे विस्तृत जानकारी दी।
कार्यशाला का उद्देश्य संबंधित विभागों, पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय समुदायों को इस अधिनियम की प्रमुख धाराओं, प्रक्रियाओं और पात्रता मानदंडों की विस्तृत जानकारी देना था, ताकि वन क्षेत्र में रहने वाले पात्र परिवारों को उनके वैधानिक अधिकारों से वंचित न रहना पड़े।
सभी प्रतिभागियों को केस स्टडी और प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।
राहुल चौहान ने कहा कि यह अधिनियम ऐतिहासिक रूप से वनों पर निर्भर समुदायों को भूमि पर उनके अधिकार मान्यता देने का महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पात्र हितधारकों की पहचान व दावा प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता, त्वरित कार्यवाही और जनसुनवाई सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने बताया कि अधिनियम के अंतर्गत व्यक्तिगत तथा सामुदायिक दोनों प्रकार के अधिकारों की मान्यता दी जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि ग्राम सभा इस अधिनियम में एक निर्णायक इकाई है, जिसे दावा प्राप्त करने और प्रमाणित करने में महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस कार्यशाला से सभी संबंधित अधिकारी और हितधारक इस अधिनियम को सही भावना से लागू करने की दिशा में एक ठोस पहल करेंगे, जिससे वनवासी समुदायों को उनके अधिकार प्राप्त हो पाएंगे।
कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए सवालों का उत्तर देते हुए अधिकारियों ने अधिनियम के तहत उठाए जाने वाले प्रत्येक कदम की जानकारी साझा की।
इस अवसर पर जिला प्रशासन शिमला से अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) पंकज शर्मा, सहायक आयुक्त देवी चंद ठाकुर, जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी, राजस्व विभाग, वन विभाग तथा पंचायत प्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों ने भाग लिया।
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