आपातकाल के दौरान सरकार की ज्यादतियां झेलने वालों को समर्पित है संविधान हत्या दिवस : परमजीत सिंह गिल - Smachar

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आपातकाल के दौरान सरकार की ज्यादतियां झेलने वालों को समर्पित है संविधान हत्या दिवस : परमजीत सिंह गिल

आपातकाल के दौरान सरकार की ज्यादतियां झेलने वालों को समर्पित है 'संविधान हत्या दिवस': परमजीत सिंह गिल 

'संविधान हत्या दिवस' युवा पीढ़ी को जागरूक करेगा


 

( पठानकोट, बटाला :पंकज,अविनाश शर्मा )

 केंद्र सरकार ने हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की अधिसूचना जारी की है।  इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के वरिष्ठ नेता और हिमालय परिवार संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष परमजीत सिंह गिल ने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है। 

उन्होंने कहा कि 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया और देश के करोड़ों लोगों की आवाज को दबा दिया, जिसके कारण देशवासियों को अनेक ज्यादतियां और कष्ट सहने पड़े। अब भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को हर साल संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की अधिसूचना जारी करके आपातकाल के दौरान ज्यादतियों और पीड़ा झेलने वाले लोगों को समर्पित किया और उनकी पीड़ा को कम करने का प्रयास किया।  

 उन्होंने कहा कि हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का मतलब है कि आने वाली पीढ़ियां जान सकें कि कैसे कांग्रेस ने देश में अघोषित आपातकाल लगाकर संविधान की हत्या की और तानाशाही तरीके से देशवासियों का अपमान किया 

उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों और वर्तमान युवा पीढ़ी में इस जागरूकता को बढ़ाने से कांग्रेस और उसके सहयोगियों द्वारा की जा रही मनमानी पर निश्चित रूप से रोक लगेगी, क्योंकि देश के कई हिस्सों में कांग्रेस और उसके सहयोगियों की सरकार है।  वे अभी भी  वहां तानाशाही रूप में शासन करने की कोशिश में लगे हुए हैं।  

उन्होंने कहा कि देश का संविधान सबसे ऊपर है और सभी को देश के कानून के अनुसार जवाबदेह होना होगा और अगर कोई कानून और संविधान से ऊपर रहना चाहता है और तानाशाही रवैया अपनाना चाहता है तो वह है ऐसी शक्तियों को रोकना और देश के लोगों को जागरूक करने के लिए ही केंद्र सरकार द्वारा ऐसा प्रयास किया गया है, जिसके निकट भविष्य में बेहतरीन परिणाम देखने को मिलेंगे।

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