सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपा से जोनल महिला समागम के संत निरंकारी सत्संग भवन में श्रद्धापूर्वक आयोजन हुआ - Smachar

Header Ads

Breaking News

सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपा से जोनल महिला समागम के संत निरंकारी सत्संग भवन में श्रद्धापूर्वक आयोजन हुआ

सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपा से  जोनल महिला समागम फतेहगढ़ चूड़ियां के संत निरंकारी सत्संग भवन में श्रद्धापूर्वक आयोजित किया गया




( बटाला : संजीव नैयर,अविनाश शर्मा , चरण सिंह )

सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपा से अमृतसर जोन का जोनल महिला समागम फतेहगढ़ चूड़ियां के संत निरंकारी सत्संग भवन में श्रद्धापूर्वक आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में लुधियाना  से बहन अनु बालाजी विशेष रूप से पहुंची और उन्होंने अपने प्रवचनों के माध्यम से साध संगत को सतगुरु का संदेश दिया और कहा कि महिलाओं को अपने घरों में सकारात्मक सोच अपनाकर खुशनुमा माहौल बनाने का प्रयास करना चाहिए। बच्चों का पालन-पोषण और बुजुर्गों की देखभाल एक सेवा के रूप में प्यार से की जानी चाहिए। घर के काम को कभी भी बोझ नहीं समझना चाहिए बल्कि एक सुंदर घरेलू जीवन को सेवा के रूप में जीना चाहिए। हर महिला को अपने घरों में एक-दूसरे की जाने अनजाने में हुई गलतियों को प्रोत्साहित करने के बजाय 'बैनिफिट आफ डाउट' देकर प्यार बनाए रखना चाहिए। क्योंकि इस दुनिया में कोई भी ऐसा नहीं है जिसमें कोई कमी न हो। इस वजह से दूसरों की कमियों पर ध्यान न देते हुए खुद पर ध्यान देकर खुद को बेहतर बनाना होगा।गुरू को कापी करना चाहिए गुरु सुखों की खान होता है और गुरमत के स्कूल  में  बच्चों को जरूर भेजें |

इस कार्यक्रम में अमृतसर जोन की  शाखाओं की बहनों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में विभिन्न शाखाओं से आई बहनों ने हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी भाषा में अपने भक्ति भाव रखे।कार्यक्रम में भजन, समूह गीत, नाटक, कविता, विचारों के माध्यम से संत निरंकारी मिशन के सतगुरु माता जी का संदेश दिया गया।

इस अवसर पर अमृतसर जोन के जोनल इचार्ज श्री राकेश सेठी जी ने संगत का धन्यवाद किया। संत निरंकारी मंडल ब्रांच फतेहगढ़ चूड़ियां के संयोजक मलकीत सिंह  जी ने मुख्य मंच पर विराजमान बहन अनु बाला जी का स्वागत एवं धन्यवाद किया तथा आये हुए सभी गणमान्य व्यक्तियों एवं कार्यक्रम को सफल बनाने वाले सेवादारों का भी धन्यवाद किया। मेहला संगत इनचार्ज बहन गीता और बहन वर्षा जी आदि थे । 

कोई टिप्पणी नहीं