ना आसनों के प्रभाव से केवल शरीर ठीक चलता है बल्कि उसके प्रभाव से मन भी ठीक हो जाता है,:--आनंदमूर्ति गुरु मां
ना आसनों के प्रभाव से केवल शरीर ठीक चलता है बल्कि उसके प्रभाव से मन भी ठीक हो जाता है,:--आनंदमूर्ति गुरु मां
(बटाला : अविनाश शर्मा, संजीव नैयर)
गीता या उपनिषद का जो ज्ञान है ना उसे सोफे पर बैठकर सुनने के लिए नहीं है यह मैन्युअल है यह करत विद्या है :-गुरु मां
बटाला (अविनाश शर्मा, संजीव नैयर) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर परम पूज्यगीता या उपनिषद का जो ज्ञान है ना उसे सोफे पर बैठकर सुनने के लिए नहीं है यह मैन्युअल है यह करत विद्या है आनंदमूर्ति गुरु मां ने बताया कि ना आसनों के प्रभाव से केवल शरीर ठीक चलता है बल्कि उसके प्रभाव से मन ठीक हो जाता है, किसी दिन इसको करिए आप चिड़चिड़े हो रहे हो आपको गुस्सा आ रहा है आपको कोई चिंता लग रही है आपको कोई फिक्र आ रही है आप बेवजह दुखी से हो, अपना योगा मैट खोलिए प्राइमरी सीरीज पूरा होगा और आपका आसनों का करम पूरा होगा, शव आसन में आखिर में आते-आते तक ना केवल शरीर विश्राम में होगा बल्कि मन गहन विश्राम में होगा । योग के इन साधनों का अभ्यास करना बहुत आवश्यक है क्योंकि शरीर और मन भिन्न है अलग है पर जाना कैसे जाएगा मेरा प्रवचन सुनने से नहीं जाना जाएगा आपका आसन प्राणायाम आपके मन को इतनी क्लेरिटी देता है इतनी स्पष्टता देता है की बुद्धि बड़ी प्रज्ञा से इस बात का अनुभव कर पाती है कि जिस देह में हूं देह ही नहीं ओर देह अलग है और मैं अलग हूं मन अलग है बहुत सी चीजें हैं जो अधिकतर तो मन से शरीर को जा रही होती हैं और जब आप आसन करते हैं तब हम शरीर और मन के मध्य जो प्राण का पुल है हम ए संबंध को बहुत बैलेंस बनाते अच्छा बनाते हैं मै यह और बात बार-बार बोलती हूं गीता या उपनिषद का जो ज्ञान है ना उसे सोफे पर बैठकर सुनने के लिए नहीं है यह मैन्युअल है यह करत विद्या है करने की विद्या तो जितना जितना उसका संतुलित शरीर स्वास , मन होता है उतना उतना उसकी बुद्धि के बाद कुछ समझने की जन की निश्चय पूर्वक क्षमता बढ़ जाती है मानसिक क्षमता को बढ़ाने के लिए योग का अभ्यास जबरदस्त काम करता है इसलिए हम ज्ञान मार्ग में योग को एक प्राइमरी इनिशियल प्राइमरी फोरग्राउंड बनाने के लिए आवश्यक समझते हैं ।
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