पतलीकुहल,नग्गर , डोभी शिम इलाक़े में बिजली संकट गहराया
पतलीकुहल,नग्गर , डोभी शिम इलाक़े में बिजली संकट गहराया
रोजाना की कटौती, आउटडेटेड ट्रांसफार्मर कांग्रेस सरकार के 'व्यवस्था परिवर्तन' के वादे पर उठे सवाल
पतलीकूहल : ओम बौद्ध /
पतलीकुहल, नग्गर, डोभी शिम तथा आसपास के क्षेत्रों में बिजली कटौती अब एक "रोजाना का ड्रामा" बन चुकी है, जिससे स्थानीय निवासियों का सब्र का बांध फूटने वाला है । पिछले तीन सालों से लगातार इस समस्या से जूझ रही जनता अब आंदोलन की चेतावनी दे रही है। लोगों का आरोप है कि कांग्रेस सरकार के 'व्यवस्था परिवर्तन' के वादे के बावजूद, बिजली आपूर्ति की स्थिति दिन-ब-दिन बद से बदतर होती जा रही है I
नग्गर फीडर में ट्रांसफार्मरों का उड़ना, और मशीनिरियों का जल जाना एक आम बात हो गई है। जब भी कोई ट्रांसफार्मर खराब होता है, उसे ठीक करने में 48 से 72 घंटे (लगभग तीन दिन) का लंबा समय लगता है। यह स्थिति पिछले समय में दो बार हो चुकी है, जिससे पूरी घाटी लंबे समय तक अंधेरे में डूबी रहती है। मंगलवार को भी पतली कूहल, डोभी शिम क्षेत्र में बिजली 10.30 बजे से 12 बजे तक गुल रही लेकिन इसका असर पूरी घाटी में महसूस किया जा रहा है।
छाकी से 15 मील तक 'पुराना' फॉल्ट, आउटडेटेड ट्रांसफार्मर समस्या की जड़
एक बड़ी वजह है छाकी से 15 मील के बीच मौजूद एक बड़ा फॉल्ट बताया जा रहा है, जिसमें पिछले तीन सालों से कोई सुधार नहीं हुआ है। इसके अलावा घाटी में लगे अधिकतर ट्रांसफार्मर आउटडेटेड हो चुके हैं। बिजली विभाग इन्हें बार-बार मरम्मत करके ही लगा रहा है, जिससे समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है। यह तात्कालिक उपाय लंबे समय तक कारगर साबित नहीं हो रहे हैं और बार-बार बिजली गुल होने का कारण बन रहे हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस पार्टी ने 'व्यवस्था परिवर्तन' का वादा किया था। लोगों को उम्मीद थी कि सरकार बनने के बाद बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा, लेकिन बिजली के मोर्चे पर स्थिति सुधरने के बजाय लगातार बिगड़ती जा रही है। इस अनियमित और लंबी अवधि की बिजली कटौती से दैनिक जीवन, व्यापारिक गतिविधियां और छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
सरकार द्वारा बिजली का विल तो बढ़ा दिया गया मगर सुधार न के बराबर है l जिस से लोग परेशान है l लंबे समय से चली आ रही इस समस्या से त्रस्त जनता अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। उन्होंने बिजली विभाग और राज्य सरकार को तत्काल समाधान निकालने की चेतावनी दी है। यदि जल्द ही इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो घाटी के लोग बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। जनता की मांग है कि पुराने और खराब हो चुके ट्रांसफार्मरों को बदला जाए और बिजली आपूर्ति प्रणाली में स्थायी सुधार किए जाएं।
कोई टिप्पणी नहीं