करंट की चपेट में आए पति को बचाने के चक्कर में पत्नी की भी हुई मौत
करंट की चपेट में आए पति को बचाने के चक्कर में पत्नी की भी हुई मौत
चारपाई पर खड़े होकर वायरिंग में बिजली का तार डाल रहे, पत्नी साथ में खड़ी थी, लोहे की चारपाई से टकराई तार और पति को करंट की चपेट में आता देख पत्नी भी पति को बचाने के चक्कर में अपनी जान गवाई, बेटे ने कहा था पापा मिस्त्री से ठीक करा लेना
मिली जानकारी के अनुसार यह मामला दिल्ली रोड़ पर सूर्यापुरम कॉलोनी से निकल कर सामने आया है मूल रूप से किठौर के छुछाई गांव निवासी करतार सिंह नागर किसान थे। वे अपनी पत्नी मुनेश के साथ सूर्यापुरम कालोनी में रह रहे थे। उनके दो बेटे अमरजीत और अजीत गौतमबुद्धनगर में रहकर ट्रांसपोर्ट का काम करते है। दोनों बेटों ने गौतमबुद्धनगर में रहने के कारण माता-पिता को एक साल पहले शहर में मकान बनाकर दिया था। मकान में बिजली फिटिंग पूरी तरह से नहीं हो पाई थी। मोहल्ले वालों ने बताया कि वे चारपाई पर खड़े होकर वायरिंग में बिजली का तार डाल रहे थे। पत्नी उनके बराबर में खड़ी थी।
इसी बीच एक तार नीचे गिरकर लोहे की चारपाई से टकरा गया। करतार को करंट ने पकड़ लिया, पत्नी ने बचाने की कोशिश की तो वह भी करंट की चपेट में आ गईं। मुनेश देवी की चीख निकली तो पास में ही रहने वाले करतार नागर के छोटे भाई वहां पहुंचे। दोनों को बचाने के चक्कर में वह भी करंट की चपेट में आ गए। पड़ोसी ने घर पहुंचकर एमसीबी नीचे गिराकर बिजली बंद कराई तो भाई की जान बची। दोनों की मौत की सूचना से आसपास के लोगों की भीड़ एकत्र हो गई।
सूचना पर ब्रह्मपुरी थाना प्रभारी राजीव कुमार मौके पर पहुंचे। दोनों शवों को मोर्चरी भिजवाया। माता-पिता की मौत की सूचना पर दोनों बेटे घर पहुंच गए। मां-बाप के शवों को देखकर बेटों का बुरा हाल हो गया।
बिजली में खराबी होने पर बेटे ने पिता से फोन पर कहा था कि पापा मिस्त्री को बुलवा लेना, लेकिन करतार सिंह नागर खुद ही ठीक करने लग गए। इसके चलते वे करंट की चपेट में आ गए।
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