आपदा प्रबंधन में दो बड़े कदम उठाएगी सरकार : सीएम सुक्खू - Smachar

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आपदा प्रबंधन में दो बड़े कदम उठाएगी सरकार : सीएम सुक्खू

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि भविष्य में प्रदेश में संपूर्ण प्रतिक्रिया प्रबंधन को अतिरिक्त महानिदेशक होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा के अधीन किया जाएगा, ताकि किसी भी आपातकालीन और आपदा की स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिल सके। हिमाचल सरकार आपदा प्रबंधन में बड़े बदलाव के संकेत देते हुए इस दिशा में दो बड़े कदम उठाने जा रही है।


 


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण जानमाल की भारी क्षति होती है और इससे लोगों की आजीविका पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर करती है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण पर्यटन क्षेत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और स्थानीय लोगों की आजीविका भी प्रभावित होती है। इन आपदाओं के कारण महत्त्वपूर्ण अधोसंरचना की क्षति होती है, जिसे पुन: स्थापित करने में काफी समय लग जाता है और राज्य में विकास की गति भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि कृषि योग्य भूमि में बाढ़ और भू-स्खलन के कारण कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों की आर्थिकी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न चुनौतियों को कम करने की दिशा में प्रभावी कदम उठा रही है।

मंडी, कुल्लू और शिमला में बादल फटने की घटनाओं के बाद पहली अगस्त को मुख्यमंत्री ने एक बैठक आयोजित कर वरिष्ठ अधिकारियों को आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने इस प्रकार की घटनाओं में अमूल्य जीवन बचाने और अन्य क्षति को कम करने के लिए एकीकृत तरीके से कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया था।

इसके साथ आपदा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने के लिए होमगार्ड को दो वर्ष की अवधि के लिए एसडीआरएफ में प्रतिनियुक्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि बादल फटने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती पुनरावृत्ति को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार एसडीआरएफ को प्राथमिकता के आधार पर मजबूत कर रही है। आपातकालीन स्थितियों में जानमाल की क्षति में कमी लाने के लिए इस प्रणाली को और अधिक संगठित और प्रभावी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश भूस्खलन, हिमस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील है और राज्य सरकार इन घटनाओं में कमी लाने के दृष्टिगत कार्य कर रही है।

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