भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन - Smachar

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भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन

 भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन

महान स्वतंत्रता सेनानी और जनजातीय मूल्यों के अभिभावक भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर सुरेंद्र कुमार ने कोटि-कोटि नमन किया है। उन्होंने कहा है कि बिरसा मुंडा जी का जीवन और संघर्ष हमें प्रेरित करता है कि कैसे एक व्यक्ति अपने समाज और देश के लिए लड़ सकता है। बिरसा मुंडा जी ने 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश राज के खिलाफ आदिवासी विद्रोह का नेतृत्व किया था, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।

उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के खूँटी जिले में हुआ था। वह एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे और उनके पिता का नाम सुगना मुंडा था। बिरसा मुंडा जी ने अपनी पढ़ाई साल्गा गाँव में की और बाद में चाईबासा के गोस्नर इवेंजेलिकल लुथरन चर्च विद्यालय में पढ़ाई की।

बिरसा मुंडा जी ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने जमींदारी प्रथा और राजस्व-व्यवस्था के खिलाफ विद्रोह किया और जंगल-जमीन की लड़ाई लड़ी। उनका मानना था कि आदिवासियों को अपने प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार होना चाहिए।

आज भी बिरसा मुंडा जी का जीवन और संघर्ष हमें प्रेरित करता है कि कैसे हम अपने समाज और देश के लिए लड़ सकते हैं। उनकी विरासत हमें अपने स्वाभिमान और मूल्यों की रक्षा के लिए निरंतर जागरूक और संकल्पित करती है। हमें उनके जीवन और संघर्ष से सीखने की जरूरत है और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की जरूरत है। ¹ सुरेंद्र कुमार  का यह बयान हमें बिरसा मुंडा जी के जीवन और संघर्ष की याद दिलाता है। सीसीआईडी ट्रस्ट हिमाचल प्रदेश आरटीआई नेशनल एक्टिव ऑफिसर के रूप में, श्री सुरेंद्र कुमार जी ने बिरसा मुंडा जी की जयंती पर श्रद्धांजलि दी है।


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