पट्टन इलाका के महिला मंडल जुड़े सत्याग्रह में
पट्टन इलाका के महिला मंडल जुड़े सत्याग्रह में
केलांग ( ओम बौद्ध)
जहालमा में छह पंचायतों जहालमा, जुंढा, नाल्डा , गोहरमा , जोबरंग तथा शान्शा के महिला मंडलों की अगुवाई में चल रहे सांकेतिक धरने 'सत्याग्रह' के चौथे दिन कोठी रपड़ींग तथा घारबोग जाहलमा की महिलाएं धरने पर बैठे| 'सत्याग्रह' सांझा संघर्ष समिति सभी सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं और नेताओं से भी लगातार अपील कर रही है कि उनके मांगो का समर्थन करते हुए इस आंदोलन को मजबूत करें l इसी कड़ी में आज इस आंदोलन को अपना समर्थन देने के किए पूर्व मंत्री डॉ रामलाल मारकंडे तथा बीजेपी के राज्य कार्यकारिणी के सदस्य जवाहर शर्मा भी महिलाओं के साथ धरने पर बैठे तथा उनकी मांगो को पूरी तरह से जायज़ ठहराते हुए आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने का भरोसा दिया l पिछले तीन चार वर्षों से जाहलमा नाले में हो रहे लगातार बढ़वारी से इस पुरे क्षेत्र में नुकसान का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है जहां एकतरफ लिंडूर गांव लगातार धस रहा है वही इस नाले के साथ लगते नदी क्षेत्र में भी लगातार तबाही जारी है l नाले में लगातार बाढ़वारी से चंदरभागा नदी में अस्थायी बांध का निर्माण हुआ पड़ा है जिससे न केवल जोबरंग पंचायत की कई बीघे जमींन जलमग्न है और आगे वाले हिस्से में जसरथ , हालिंग ,फुड़ा ,जहालमा , तालजोन,जुन्धा तथा तडंग गांव की सैंकड़ों बीघे ज़मीन बाढ़ में बह गई हैl जहालमा नाले में बने सभी कुहल भी ध्वस्त हैं जिससे इन कूहलों पर आश्रित सभी गांव में सिंचाई का संकट खड़ा है l जसरथ पुल पहले ही बाढ़ की भेंट चढ़ चुकी है अब जोबरंग और नाल्डा पुल पर भी लगातार खतरा मंडरा रहा है l इस आयोजन के संयोजक और पूर्व जिला परिषद् पार्षद सुदर्शन जस्पा ने बताया कि इस क्षेत्र में बाढ़वारी से लगातार हो रहे नुकसान को लेकर इस क्षेत्र की आम जनता और जनप्रतिनिधि आवाज़ उठाते रहे है लेकिन अभी तक कोई भी काम इस दिशा में नहीं हो सका है l ऐसे में छह पंचायत की महिलाओं ने इस क्षेत्र को बचाने का बीड़ा उठाया है lलोगों की मांग है कि जलशक्ति विभाग द्वारा बाढ़ से हो रहे नुकसान के बचाव के लिए नदी और नाले को channelize करने के लिए जो DPR सरकार को सौंपी गई है उसके मुताबिक बजट स्वीकृत कर समय रहते काम शुरू किया जाएl 12 nov को शुरू हुए इस आंदोलन सत्याग्रह में सभी महिला मंडलो ने यह निर्णय लिया की शांतिपूर्वक धरना तब तक जारी रखा जाएगा जब तक की सभी मांगे मान नहीं ली जाती l
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