सीएम सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने विधायक पद की ली शपथ
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने सोमवार को विधानसभा में सदस्य के बतौर विधायक पद की शपथ ली। इसके साथ ही हिमाचल विधानसभा में एक रिकॉर्ड भी बन गया है।प्रदेश विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ, जब पति और पत्नी की जोड़ एक साथ विधायक के रूप में विधानसभा में नजर आएंगे।ये जोड़ी अब मानसून सत्र में विधानसभा के एक साथ नजर आएगी।
( शिमला : गायत्री गर्ग )
दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन से विधायक चुने और वो वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं। अब उनकी पत्नी कमलेश ठाकुर देहरा से उपचुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंची हैं।ये जोड़ी अब मानसून सत्र में विधानसभा के एक साथ नजर आएगी।
इससे पहले हिमाचल विधानसभा में पिता-पुत्र की जोड़ी यानी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह की जोड़ी नजर आ चुकी है। दोनों वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद सदन में एक साथ दिखे थे।
कमलेश ठाकुर के अलावा सोमवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सदस्यता के रूप में उपचुनाव में हमीरपुर से चुने गए आशीष शर्मा और नालागढ़ से चुने गए हरदीप सिंह बावा ने भी शपथ ग्रहण किया| विधानसभा में शपथ ग्रहण समारोह की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने की|
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अभी तक सदस्यों की संख्या 65 थी| सोमवार को तीन नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा शपथ लेने के बाद सदस्यों की संख्या 68 गई| इनमें कांग्रेस के 40 और बीजेपी के 28 विधायक हैं| विधानसभा में अब कोई भी निर्दलीय विधायक नहीं है| हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बहुमत के लिए 35 का आंकड़ा चाहिए. कांग्रेस के पास विधानसभा में स्पष्ट बहुमत से पांच संख्या ज्यादा है|
हिमाचल प्रदेश में सियासी उठापठक की वजह से विधानसभा की नौ सीटें खाली थीं| इन सीटों पर हुए उपचुनाव में छह पर कांग्रेस और तीन पर बीजेपी प्रत्याशी जीत दर्ज कराने में कामयाब हुई | उपचुनाव में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा और सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह साबित किया है कि वो कमजोर नहीं हैं|
हिमाचल प्रदेश में 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव के बाद सियासी उठापटक देखने को मिली| कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की| इसके बाद व्हिप के उल्लंघन पर कांग्रेस विधायकों के सदस्यता चली गई| तीन निर्दलीय विधायकों ने भी अपने सदस्यता से इस्तीफा दिया|
सियासी उठापटक के चलते पहले कांग्रेस विधायकों की सदस्यता जाने से छह सीटों और फिर निर्दलीय विधायकों की इस्तीफे से तीन सीटों पर उपचुनाव हुए| कुल नौ सीटों पर उपचुनाव में छह पर कांग्रेस और तीन पर भाजपा जीती| कुल-मिलाकर इन उपचुनाव में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा| हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र अगस्त महीने के अंत में संभावित है. विधानसभा के मानसून सत्र के खूब हंगामेदार रहने की संभावना है|
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