शहीद मेजर आशीष धौंचक के मां बाप आज धक्के खाने को हुए मजबूर
शहीद मेजर आशीष धौंचक के मां बाप आज धक्के खाने को हुए मजबूर
मेजर आशीष धौंचक के मां बाप आज धक्के खाने को मजबूर शहीद के बुजुर्ग मां बाप ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से गुहार लगाई है। बहू की बेरुखी से तंग आ चुके शहीद के पिता ने अब बहू के लिए सरकारी नौकरी का विरोध किया है।अनंतनाग में आतंकवादियों का सामना करते शहीद हुए हरियाणा में पानीपत के रहने वाले मेजर आशीष धौंचक के मां बाप आज धक्के खाने को मजबूर हैं. साल 2023 में बेटे की शहादत के बाद उनकी बहू भी बेटे की गाड़ी, जेवर और नगदी लेकर जा चुकी है। जाते जाते वह उनके बेटे की कार, 30 तोला सोना समेत अन्य कीमती सामान भी अपने साथ ले गई है. कमला देवी ने कहा कि इसका भी उन्हें मलाल नहीं है, लेकिन दुख इस बात का है कि वह उनकी पोती से भी बात नहीं करने दे रही. बुजुर्ग महिला ने सीएम नायब सैनी से मिलकर बेटे की शहादत के बाद बहू को मिलने वाली सरकारी नौकरी का विरोध किया है. कहा कि यह नौकरी यदि बहू को मिलेगी तो उन्हें बुढापे में सार संभाल करने वाला भी कोई नहीं रहेगा. उन्होंने यह नौकरी अपनी बेटी को दिलाने की गुहार लगाई है।
उन्होंने आग्रह किया है कि हो सके तो यह नौकरी उनकी बेटी को दे दी जाए, जिससे कि उनका बुढापा आराम से कट सके. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के कार्यक्रम में पहुंची शहीद की मां कमला देवी ने कहा कि सितंबर 2023 में जब उनका बेटा शहीद हुआ था, उस समय पूरा देश उनके साथ था. उस समय उनका बेटा पूरे देश का बेटा था. लेकिन एक साल भी नहीं बीते, लोग उनके बेटे को भूल गए हैं. यहां तक कि उनकी पुत्रवधू ने भी उन्हें धोखा दिया है. कमला देवी ने कहा कि उनकी बहू आधे घर में ताला लगाकर यहां से चली गई है।
कहा कि यदि बेटी को यह नौकरी मिल जाती है तो उनकी देखरेख करती रहेगी. कमला देवी ने सीएम को बताया कि उनकी बहू आशीष की तेहरवीं के बाद ही घर से चली गई थी. उसके बाद 11 महीने हो गए और अब तक ना तो वापस लौटी है और ना ही उनकी कोई खोज खबर ली है. ऐसे हालात में जैसे तैसे बुजुर्ग दंपत्ति का गुजारा पेंशन के सहारे चल रहा है. उनकी गुहार सुनकर राज्य के पंचायत एवं सहकारिता मंत्री महिपाल ढांडा ने भी समर्थन किया है. उन्होंने खुद भी सीएम से शहीद मेजर की पत्नी को नौकरी न दिए जाने की सिफारिश की है।
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