दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा नशा उन्मूलन एवं तनाव मुक्ति कार्यक्रम का हुआ आयोजन
शिमला : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा सशस्त्र सीमा बल के चिकित्सा प्रशिक्षण केंद्र शिमला में नशा उन्मूलन एवं तनाव मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
अपने विचारों में श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी डॉ. सर्वेश्वर जी ने जवानों को सम्बोधित करते हुए बताया कि आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, डिप्रेशन, टेंशन, कुछ ऐसे शब्द हैं जो हमारी ज़िंदगी का अभिन्न अंग बनते जा रहें हैं। नौबत ये आन पड़ी है कि दिन-भर की भागदौड़ के बाद भी रात को सोने के लिए लोग नींद की गोलियों का सहारा लेते हैं। कैसी विडंबना है ये? आज के इंसान ने खाने के लिए विभिन्न व्यंजन तो जुटा लिए, पर वह पैसों से भूख नहीं कमा पाया। आज हमने सोने के लिए मखमली गद्दे तो खरीद लिए, पर आँखों में नींद नहीं खरीद पाए। आज हमने तन के लिए सुख-सुविधाएं तो इकट्ठी कर ली, पर हमारे मन का चैन कहीं खो गया। आज बेशक हमने बहुत तरक्की कर ली, बहुत कुछ अर्जित कर लिया, लेकिन परिणाम क्या है? दुःख, अवसाद, और डिप्रेशन। और अंततः इसी डिप्रेशन का शिकार हुआ युवा-वर्ग नशे की भयावह लत का शिकार हो जाता है। बेशक नशे का सेवन कर हम कुछ समय के लिए अपने तनाव को भूल जाते हैं। लेकिन जब होश आता है तो वही तनाव कई गुना अधिक भयानक रूप धारण कर हमें आन जकड़ता है। दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी कहते हैं कि गरीबी को कुछ समय के लिए भूल जाना एक बात है और अमीर हो जाना अलग बात है। ऐसे ही नशा हमारी कमज़ोरियों को भुला कर हमें कुछ समय के लिए तो अच्छा महसूस करवा सकता है लेकिन हमारी कमियों को दूर नहीं कर सकता। उलटा इससे हमारे अंदर और भी अधिक बुराइयाँ जन्म ले लेती हैं और अंततः अपने आप से हार मान कर मानव आत्महत्या जैसे घृणित कृत्य करने में भी संकोच नहीं करता।
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