कांगड़ा जिला के सीमावर्ती क्षेत्रों में एंटी-चिट्टा अभियान पर दिया जा रहा विशेष फोकस: उपायुक्त - Smachar

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कांगड़ा जिला के सीमावर्ती क्षेत्रों में एंटी-चिट्टा अभियान पर दिया जा रहा विशेष फोकस: उपायुक्त

 कांगड़ा जिला के सीमावर्ती क्षेत्रों में एंटी-चिट्टा अभियान पर दिया जा रहा विशेष फोकस: उपायुक्त


 नूरपुर : विनय महाजन /

नूरपुर उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने आज इंदौरा में नारकोटिक्स को-आॅर्डिनेशन की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पुलिस जिला नूरपुर क्षेत्र में नशे के खिलाफ चल रहे अभियान को और अधिक प्रभावी, संगठित तथा परिणामोन्मुख बनाने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जिला से चिट्टा सहित सभी प्रकार के मादक पदार्थों को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रशासन, पुलिस तथा समाज के सभी वर्गों के समन्वित प्रयास सुनिश्चित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक नूरपुर कुलभूषण वर्मा, एसडीएम नूरपुर अरुण शर्मा, एसडीएम ज्वाली नरेंद्र जरयाल, एसडीएम फतेहपुर विश्रुत भारती, एसडीएम इंदौरा सुरेंद्र ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी नशा निवारण समितियों के सदस्यत उपस्थित रहे।

उपायुक्त ने कहा कि चिट्टे जैसी गंभीर समस्या पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री द्वारा शिमला, धर्मशाला और हमीरपुर में एंटी-चिट्टा रैलियों का आयोजन किया गया है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए जिला में चिन्हित रेड जोन पंचायतों में नशा निवारण समितियों का गठन किया गया है, ताकि जमीनी स्तर पर ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।उन्होंने बताया कि आज नूरपुर पुलिस जिला की 22 पंचायतों की नशा निवारण समितियों के अध्यक्षों एवं सदस्यों के साथ विस्तृत मंथन किया गया। बैठक के दौरान सभी प्रतिनिधियों से यह जाना गया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में नशे की समस्या से निपटने के लिए किस प्रकार की कार्ययोजना अपनाना चाहते हैं। साथ ही उन्हें सरकार की रणनीति और भावी कार्ययोजना से भी अवगत करवाया गयाl उपायुक्त ने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक नशा निवारण समिति हर दो सप्ताह में नियमित बैठक करेगी, जबकि एसडीएम स्तर पर मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य चिट्टे की समस्या पर डिमांड साइड और सप्लाई साइड दोनों मोर्चों पर प्रभावी ढंग से कार्य करना है। डिमांड साइड पर युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए खेल सुविधाओं के विकास, रचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा सकारात्मक विकल्प उपलब्ध करवाने की योजनाएं समितियों द्वारा बनाई जाएंगी।             

उन्होंने जानकारी दी कि आने वाले समय में एंटी-चिट्टा वाॅकथाॅन का आयोजन उप-मंडल स्तर पर भी किया जाएगा, जिससे आमजन में जागरूकता बढ़े और नशे के विरुद्ध सकारात्मक माहौल तैयार हो सके। उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार नशे के खिलाफ सख्त प्रवर्तन के साथ-साथ नशे से पीड़ित व्यक्तियों की काउंसलिंग, उपचार एवं पुनर्वास व्यवस्था को भी सुदृढ़ कर रही है। स्कूलों और काॅलेजों में एंटी-ड्रग क्लब, प्रहरी क्लब तथा साथी शिक्षा कार्यक्रमों को और अधिक सक्रिय बनाया गया है, ताकि युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखा जा सके।उन्होंने कहा कि एंटी-चिट्टा अभियान को जन आंदोलन का रूप देने के उद्देश्य से राज्य सरकार शीघ्र ही चिट्टा सूचना इनाम योजना आरंभ करने जा रही है। इस योजना के अंतर्गत चिट्टा संबंधी सूचना देने वाले व्यक्ति को 10 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का इनाम दिया जाएगा। कोई भी नागरिक 112 नंबर पर कॉल करके अथवा नजदीकी पुलिस थाना में इसकी सूचना दे सकता है। उन्होंने नागरिकों से निर्भीक होकर प्रशासन का सहयोग करने की अपील की।उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार युवाओं की सुरक्षा और भविष्य को सुरक्षित रखने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है तथा नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य किया जा रहा है।

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