महात्मा गांधी का नाम हटाने पर केंद्र सरकार स्पष्ट करे—पीसी विश्वकर्मा
महात्मा गांधी का नाम हटाने पर केंद्र सरकार स्पष्ट करे—पीसी विश्वकर्मा
नगरोटा सूरियां : प्रेम स्वरूप शर्मा /
भारत जोड़ो अभियान एवं लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य पीसी विश्वकर्मा ने केंद्र सरकार द्वारा योजनाओं से महात्मा गांधी का नाम हटाने के निर्णय की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार यह स्पष्ट करे कि नाम बदलने की प्रक्रिया में जनता के चंदे का कितना धन खर्च हुआ और इससे देशवासियों को क्या वास्तविक लाभ मिला।
पीसी विश्वकर्मा ने सवाल उठाया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम योजनाओं से जुड़े रहने से देश या जनता को आखिर क्या नुकसान हो रहा था। उन्होंने कहा कि उल्टे-सीधे जुगाड़ के माध्यम से “राम जी–राम जी” जैसे शब्दों की संरचना करने का प्रयास किया गया है, जबकि संक्षिप्त नाम (एब्रिविएशन) से कोई सार्थक अर्थ भी नहीं निकलता।
उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं में धार्मिक व्यक्तित्वों के नामों की होड़ लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुकूल नहीं है। यदि इसी तरह नाम बदलने की परंपरा चली, तो भविष्य में कांग्रेस सरकार आने पर योजना का नाम फिर महात्मा गांधी के नाम पर रखा जाएगा और यदि बसपा की सरकार बनी तो उसे डॉ. भीमराव अंबेडकर रोजगार गारंटी योजना कर दिया जाएगा।
पीसी विश्वकर्मा ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय नायकों के नाम पर योजनाएं सर्वसम्मति से तय की जानी चाहिएं। नाम बदलने में सत्ता का दबाव या राजनीतिक धौंस नहीं दिखनी चाहिए, क्योंकि इससे न तो लोकतंत्र मजबूत होता है और न ही जनता का विश्वास।


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