आज शिव नगरी बैजनाथ में हुई 15,000 अखरोटों की बारिश
आज शिव नगरी बैजनाथ में हुई 15,000 अखरोटों की बारिश
कांगड़ा : मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यह त्यौहार सिर्फ शिव मंदिर बैजनाथ में ही मनाया जाता है।उन्होंने बताया कि पुरानी मान्यता के अनुसार शंखासुर नामक राक्षस ने देवताओं का राजपाठ छीन लिया था और देवराज इंद्र के सिंहासन पर बैठ कर राज करने लगा,जिससे भयभीत होकर सभी देवता गुफा में रहने को मजबूर हो गए। राज करते शंखा सुर को लगा कि उसने देवताओं से सब कुछ छीन लिया फिर भी देवता अब भी उससे ज्यादा शक्तिशाली हैं। उसने देवताओं से बीज मंत्र छीनने की योजना बनाई,सभी देवता भगवान ब्रह्मा जी के पास गए और उनसे मदद मांगी।भगवान ब्रह्मा जी ने सुप्त शैय्या में विराजमान भगवान विष्णु का आह्वान किया।भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण कर शंखासुर का वध किया। इसे ही वैकुंठ चौदस के रूप में जाना जाता है।और आज के दिन अखरोट बारिश की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
कोई टिप्पणी नहीं