प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया
पालमपुर : प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर क्षेत्रीय जैविक एव प्राकृतिक खेती केंद्र, गाजियाबाद के सहयोग से कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा जिला कांगड़ा स्थित पालमपुर द्वारा प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 5 सितंबर,2024 का आयोजन किया गया ।
( पालमपुर : केवल कृष्ण )
इसमें विकास खंड पंचरुखी के 26 व भवारना से 25 महिला किसानों ने भाग लिया और प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त की ।
प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत परियोजना निदेशक आत्मा कांगड़ा डॉक्टर राज कुमार जी ने की, उन्होंने बताया कि प्राकृतिक किस तरह हमारी धरती इस में कार्य करती है और किस तरह रासायनिक खेती से हमारी धरती, वायु, पर्यावरण दूषित रहें हैं। उन्होंने मिट्टी की गुणवत्ता के साथ साथ प्राकृतिक खेती के सिद्धांत जैसे सह फसल, देशी गाय, केंचुए की विशेषताएं बताई । जिसमे पलवार, वाप्सा ,केंचुए की मिट्टी में गतिविधि और प्राकृतिक खेती में उपयोग होने वाले घटकों के बारे में बताया। और साथ में उन्होंने कुछ किसानो के उदहारण दिए जो कि जीवामृत और खट्टी लस्सी के उपयोग से , किसान किस तरह अपनी फसल को आवारा पशुओं से बचा रहें हैं उन्होंने कहा कि राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के साथ किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार किसानों से प्राकृतिक खेती में उगाई के गेहूं ₹40 प्रति किलो जबकि मक्की को ₹30 के समर्थन मूल्य पर खरीदेंगे । डॉक्टर भारद्वाज ने बताया कि जिला में प्राकृतिक खेती कुशल किसान योजना के तहत 7482 हेक्टर भूमि पर 40842 किसानों द्वारा रसायन मुक्त खेती की जा रही है तथा राज्य सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को ड्रम लेने पर, गौशाला का फर्स पक्का करने हेतु , गाय लेने हेतु पर अनुदान भी दे रही है।
इसके बाद क्षेत्रीय जैविक एव प्राकृतिक खेती केंद्र, गाजियाबाद से आए सहायक निदेशक, डाo मनोज जी ने इस शिविर को आगे बढ़ाते हुए PGS पोर्टल के बारे में बताया व यह कैसे काम करता है और इसका किसान भाई बहन कैसे फायदा ले सकते हैं इसकी संक्षिप्त जानकारी किसानों को प्रदान की ।
इसके उपरांत कृषि विश्वविद्यालय से आए वैज्ञानिक डॉ रामेश्वर कुमार जी ने भी प्राकृतिक खेती के बारे में किसानों को मूल जानकारी प्राप्त करवाई तथा प्राकृतिक खेती के बारे में फायदे बताएं और उनके स्तंभो की विशेषता के बारे में बताया ।
अंत में परियोजना निदेशक आत्मा डॉ भारद्वाज ने सभी ग्राम किसानों नसे आग्रह किया गया की वह अपनी अपनी पंचायत में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना का प्रचार करें और अपनी पंचायत के किसानों को जागरूक करें और कम से कम अपनी पंचायत से एक गांव को प्राकृतिक खेती में परिवर्तित करें व माडल फार्म स्थापित करने मे सहायता करे ।
इस कार्यक्रम में डाo सुशील कुमार उप परियोजना निदेशक, डॉक्टर विशाखा पाल उप परियोजना निदेशक आत्मा, रोहित संग्रह, आदि इस शिविर में मजबूत रहे ।
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