अयोग्य पूर्व विधायकों की पेंशन भत्ते बंद करने का विधेयक मुख्यमंत्री सुक्खू का सराहनीय कदम
अयोग्य पूर्व विधायकों की पेंशन भत्ते बंद करने का विधेयक मुख्यमंत्री सुक्खू का सराहनीय कदम
अयोग्य पूर्व विधायकों की पेंशन भत्ते बंद करने का विधेयक क्या राज्यपाल स्वीकार करेंगे यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन मुख्यमंत्री सुक्खू का यह कदम निश्चय ही स्वागत करने योग्य है। भविष्य में दल-बदल करने से पहले जनता द्वारा चुना गया व्यक्ति विधायक बन कर पार्टी छोड़ कर जाने से तो रहा क्योंकि पेंशन विहीन व्यक्ति कर्मचारी या विधायक बुढ़ापे में बेसहारा हो जाएगा।
डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को इस विधेयक में राजनीतिक प्रतिशोध दिखाई दे रहा है लेकिन वो भूल गए कर्मचारियों अधिकारियों पर आधी रात अपनी मांग पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने के लिए आंदोलनरत, शिमला की ठंड में पानी की बोछारें और कर्मचारी महिलाओं पर केस बना कर उन को प्रताड़ित करना, उन पर कोई रहम क्यों नहीं दिखाया था आपने मुख्यमंत्री रहते।
डाक्टर संजीव गुलेरीया प्रदेश अध्यक्ष न्यु पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल प्रदेश ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि रिटायर्ड कर्मचारियों अधिकारियों को जिन का सरकारी सेवा में कार्यकाल दस वर्ष से कम है उनको सम्मानजनक पेंशन देने का प्रावधान और प्रदेश में चुनाव रैली में पांच लाख युवाओं को रोजगार देने के वादे को शीघ्र अमली-जामा पहनाएं क्योंकि युवा पीढ़ी में सरकार के प्रति रोष पनप रहा है।
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