पंचायत ने नहीं सुनी तो लोगों ने खुद ही मोक्षधाम बनाने का जिम्मा उठाया,पंचायत चुनावों के समय बड़े बड़े वायदे करने वाले गायब
पंचायत ने नहीं सुनी तो लोगों ने खुद ही मोक्षधाम बनाने का जिम्मा उठाया,पंचायत चुनावों के समय बड़े बड़े वायदे करने वाले गायब
पंचायत चुनावों के समय बड़े बड़े वादे करने वाले लोगों के सारे बादे हवा हवाई होते नजर आ रहे हैं। जो लोग चुनावों के समय कुठेड़ मे बने मोक्षधाम की तर्ज पर लंज में भी मोक्षधाम बनाने की बाते करते थे लेकिन जीत जाने के बाद सारे बादे खोखले नजर आ रहे है। आपको बता दे कि लंज खास पंचायत के तहत एक मोक्षधाम जो कि पूर्व पंचायत के समय वनाया गया था लेकिन कुछ लोगों के अडिंगा लगाने के कारण इस मोक्षधाम का काम पूर्व पंचायत के समय नहीं हो पाया था लेकिन अव पंचायत के एक दानी सज्जन द्वारा जमीन दान करने वन विभाग के अंतर्गत 5 लाख रूपये मनरेगा के माध्यम से मंजूर होने के वाद भी यह कार्य स्थानीय लोगों द्वारा करवाया जा रहा है। बीते ढाई सालों में सरकार व पंचायत के द्वारा इस मोक्षधाम के लिए एक भी पैसे की सहायता नहीं मिली। स्थानीय गांववासियों ने भी इस मोक्षधाम के लिए दिल खोलकर सहयोग दिया व अन्य लोगों ने इस मोक्षधाम को संवारने का जिम्मा उठाया। प्रतिदिन सुबह कुछ लोग इस मोक्षधाम पर जाकर श्रम दान करते है। स्थानीय लोगों द्वारा भी इनको भरपूर सहयोग मिला व अव तक तीन महीनों में इस मोक्षधाम को संवारने के लिए लाखों रूपये खर्च किए गए है पर सरकार व पंचायत की तरफ से इस मोक्षधाम के लिए एक फूटी कोडी तक नहीं दी गई है। लोगों ने जव मोक्षधाम का काम लगाया था तव इनके पास नाममात्र के पैसे थे। लेकिन स्थानीय लोगों ने इस मोक्षधाम को संवारने के लिए तन - मन व धन से इसके निर्माण के लिए पूरा सहयोग दिया अव इस मोक्षधाम को पूरी तरह से पक्का कर दिया गया है व लोगों ने अपने खर्च पर इस मोक्षधाम पर वेंच, शेड, सीढ़ियों, टाईल लगाने, नालियां व तालाव का निर्माण कर दिया है। बुद्धिजीवियों ने बताया कि वन विभाग के पास 5 लाख रूपये मनरेगा के तहत आऐ थे जो पंचायत ने खर्च करने थे लेकिन आज तक पंचायत सीमेंट का आर्डर नहीं कर पाई। ढेड महीना पहले पांच दिन मनरेगा के मजदूर लगाने के वाद अब वो भी हटा दिए गए। पंचायत ने यह भी कहा था कि तालाव के लिए विधायक शाहपुर ने 50 हजार रूपये तलाब निर्माण व शेड निर्माण के लिए भी पैसे भेजे है पर अभी तक किसी प्रकार का काम सरकार या पंचायत द्वारा नहीं किया गया है।
इस बारे पंचायत प्रधान से फोन के माध्यम से बात करने की कई बार कोशिश की,लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया ,जो प्रतिनिधि मीडिया का फोन नहीं उठाते वो लोगों का क्या उठाते होंगे।
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