चम्बा मुख्यालय के वार्ड मुगला के गांव कन्हेई में आजकल तेंदुए की दहशत बनी हुई है।
चम्बा मुख्यालय के वार्ड मुगला के गांव कन्हेई में आजकल तेंदुए की चम्बा : जितेन्द्र खन्ना / दहशत बनी हुई है। गांव में लोगों को
की बार दिन में भी तेंदुआ दिखाई दिया जिसकी वजह से दोपहर के समय भी लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। गांव में स्कूल के बच्चों को स्कूल जाने में भी काफी परेशानी हो रही है। बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए मां-बाप को उनके साथ जाना पड़ता है ताकि किसी तरह का कोई खतरा ना हो। रात को अकेले अगर इमरजेंसी में कहीं आना जाना हो तो किसी ना किसी को साथ में लेकर ही जाना पड़ता है। अब तो तेंदुआ घरों के आस-पास भी दिखने लगा है जिससे लोगों को अपने बच्चों को घर के अंदर ही रखना पड़ रहा है। ग्रामीण अपने मवेशियों को भी अकेले जंगल में चराने के लिए ले जा सकते हैं। खास बात यह है कि जो तेंदुआ दिख रहा है उसके साथ तीन छोटे बच्चे भी है और इस स्थिति में यह तेंदुआ लोगो के लिए और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इसी दहशत की वजह से गांव वालों को गांव से बाहर आना-जाना मुश्किल हो रहा है। जैसे जैसे शाम होती जाती है बैसे वैसे ग्रामीणों में खौफ बढ़ता जाता है। रात को गांव में घने जंगल है और यहां के घर भी एक दूसरे से काफी दूरी पर है जिसकी वजह से यहां लोग अब रात के अंधेरे के लिए रास्ते में बिजली की व्यवस्था कर रहे हैं ताकि अगर इमरजेंसी में रात को कहीं आना जाना हो तो रात के समय कोई नुकसान ना हो।
वौइस् ओवर
यहां के स्थानीय ग्रामीणों व छोटे बच्चों ने बताया कि उनके गांव में आजकल तेंदुआ घूम रहा है जिसकी वजह से उन्हें काफी डर लगा है। छोटे बच्चों ने बताया कि उनके मम्मी-पापा उन्हें बाहर खेलने के लिए नहीं जाने देते हैं वह कहते हैं कि बाहर तेंदुआ घूम रहा है इसलिए आप घर के अंदर ही रहो। उन्होंने बताया कि उन्हें स्कूल छोड़ने के लिए भी उनके मम्मी पापा साथ ही जाते हैं और उन्हें हमेशा ही तेंदुए का डर रहता है। उन्होंने कहा कि उनके दादा को भी घर के पास ही तेंदुआ दिखा था और उसके साथ बच्चे भी हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि इस तेंदुए को पकड़कर कहीं जंगल में दूर छोड़े जाए ताकि मैं कोई डर ना रहे।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि तेंदुआ इस गांव में घूम रहा है और उसके साथ तीन छोटे बच्चे भी हैं जिसकी वजह से वह और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि इन तेदुओं का कुछ किया जाए ताकि अपने गांव में चैन से रह पाएं।
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