अमृतसर के कलाकार रमा सेखों की 25 साल बाद मंच पर वापसी हुई
अमृतसर के कलाकार रमा सेखों की 25 साल बाद मंच पर वापसी हुई
बटाला (अविनाश शर्मा, संजीव नैयर) अमृतसर में आयोजित 23वें राष्ट्रीय नाटक मेले के आखिरी दिन नाटक "महारानी जिंदां" में पंजाब के इतिहास को शानदार तरीके से प्रस्तुत किया गया।
इसमें रानी जिंदा का किरदार मेलबोर्न के कलाकार रमा सेखों ने निभाया था, उनके अभिनय और उनकी आवाज में आज भी वही दम है जो पहले था, नाटक 'सुंदरा' में सुंदरन का किरदार और 'केवल' के निर्देशन में कई नाटकों में मुख्य भूमिकाएं निभाईं। धालीवाल ने 'लूना' नाटक में 'इच्छर' की भूमिका सहित 'कुदेसन', 'बिरख अर्ज़ करे', 'मावां' जैसे नाटकों में बहुत यादगार भूमिक ा निभाई
इसके बाद रमा सेखों ने ऑस्ट्रेलियाई शहर मेलबर्न में 'रंगमंचकारी' नाम से एक ग्रुप बनाया और वहां वे लगातार स्थानीय मुद्दों से जुड़े नाटक करते रहते हैं। पिछले दो महीने से वह अमृतसर आए हुए थे और महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल पर सबसे महत्वपूर्ण किरदार 'महारानी जिंदा' नाटक की तैयारी कर रहे थे।
30 अप्रैल को इस नाटक की सफलता
मंचन हुआ ।इसे शिरोमणि नाटककार केवल धालीवाल ने लिखा और निर्देशित किया था और इसमें रमा सेखों के अलावा मंच और थिएटर के जाने-माने कलाकार शामिल थे। जिसमें गुरतेज मान, साजन कोहिनूर, दीपिका, हर्षिता (जिन्होंने एक ही नाटक में अलग-अलग किरदार बहुत अच्छे से निभाए) और दक्षबीर (छोटा दिलीप) ने अभिनय किया। इसका संगीत कुशागर कालिया ने दिया था।
इस नाटक को देखने के लिए बड़ी संख्या में रंगमंच प्रेमी उपस्थित थे, विशेषकर निर्देशक उदे प्रताप सिंह (फिल्म शायर), डॉ. हरभजन सिंह भाटिया, डॉ. रविंदर, अनीता देवगन, हिरदीपल सिंह, लेखक जगदीप वारिंग, अभिनेता दीपक, श्री गुरप्रीत कौर, डॉ. अरविंदर कौर धालीवाल, दविंदर दीदार, प्रो. सर्बजोत सिंह बहल, जिनान सिंह, गुरदेव सिंह महलांवाला, पवनदीप, डॉ. इकबाल कोर साउंड, रमेश यादव, भूपिंदर सिंह संधू, हीरा सिंह रंधावा, सुमीत सिंह, विपन धवन आदि मौजूद थे।
ऐसे नाटक हमारी आने वाली पीढ़ियों को हमारे इतिहास को समझने में मदद करेंगे।
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