आईटीबीपी 55 बटालियन का जवान विनोद कुमार सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में हुए विलीन - Smachar

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आईटीबीपी 55 बटालियन का जवान विनोद कुमार सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में हुए विलीन

धर्मशाला की बगली पंचायत के आईटीबीपी 55 बटालियन का जवान विनोद कुमार सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में हुए विलीन

शहीद पिता को बेटे शुभम का आखरी पैगाम, कहा पापा मेरे अमर रहे अमर रहे 




धर्मशाला : देश की रक्षा कर रहे हिमाचली वीर सपूतों को पता नहीं किसकी नज़र लग गयी है। कुछ दिन पहले धर्मशाला के बाघनी पंचायत के अक्षय कपूर शहीद हुए, अभी उनकी चिता ठंडी भी नहीं हुई कि धर्मशाला की बगली पंचायत के एक ओर 47 वर्षीय विनोद कुमार जोकि गुवाहाटी में आईटीबीपी में असिस्टैंट सब इंस्पैक्टर के पद पर तैनात थे, जिनकी ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से वह भी शहीद हो गए। विडंबना तो देखो एक ही दिन में धर्मशाला की बगली पंचायत से विनोद कुमार तो दूसरी ओर उसी दिन मंडी के इंद्रेश शर्मा जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के मंजाकोट सैक्टर में ड्यूटी के दौरान दुश्मनों से लोहा लेते हुए देश पर कुर्बान हो गए। अब ऐसे में बात करें आईटीबीपी के जवान विनोद कुमार की तो ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुक जाने से शहीद हो गए। जिसका आज साथ लगते मोक्षधाम बगली के शमशान घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गयी। बता दें शहीद विनोद कुमार जो अपनी 55 बटालियन की ओर से ए.एस.आई का प्रशिक्षण पाने के लिए अरुणाचल के साथ लगते कैंप किमीन में ट्रेनिंग करने गए थे और ट्रेनिंग के दौरान विनोद कुमार को सीने में दर्द हुआ और उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन भाग्य को कुछ ओर ही मंजूर था, इलाज के दौरान विनोद कुमार शहीद हो गए। विनोद कुमार के शहीद होने की खबर जैसे ही उनके घर पहुंची पूरा गांव उनकी शहादत को सुनकर गमगीन हो गया। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। आंखे तो उस समय सभी की भर गई जब शहीद विनोद कुमार को देखकर बेटे शुभम ने अपने शहीद पिता से लिपटकर कहा मेरे पापा अमर रहे, अमर रहे। बता दें शुक्रवार को विनोद कुमार के पार्थिव देह को गुवाहाटी से कार्गो के विमान द्वारा चंडीगढ़ लाया गया और वहां चंडीगढ़ में तैनात आईटीबीपी के ए.एस.आई राजेश कुमार अपने 12 जवान के साथ विनोद कुमार के पार्थिव देह को गाड़ी में सड़क मार्ग द्वारा उनके पैतृक गांव में लाया गया। तिरंगे में लिपटे अपने घर पहुँचे शहीद विनोद कुमार के पार्थिव देह को देखकर शहीद विनोद की पत्नी पबनेश कुमारी और बेटे शुभम और सक्षम पिता को तिरंगे में लिपटा देख बेसुध हो गए, और बेसुध हो भी क्यों न कियोंकि 20 दिन पहले ही शहीद विनोद कुमार अपने परिवार संग छुटियाँ बिताकर ड्यूटी लौटे थे कि 20 दिन बाद उनका पार्थिव देह तिरंगे में लिपट कर घर आ गया और आज शहीद विनोद कुमार राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हो गए। इस दुःख भरी घड़ी को देखकर ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि शहीद विनोद कुमार के परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दें। वहीं इस दुःख भरे मौके पर जिला प्रशासन की ओर से एसडीम संजीव भोट ,तहसीलदार गिरिराज भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ,धर्मशाला के पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र जग्गी, उपज मंडी के अध्यक्ष निशु मोगरा साहित्य सैकड़ो लोगों ने विनोद कुमार को श्रद्धांजलि दी।



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