चंडीगढ़ के बिजली महकमे के निजीकरण के खिलाफ शिमला में बिजली विभाग ने किया धरना - Smachar

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चंडीगढ़ के बिजली महकमे के निजीकरण के खिलाफ शिमला में बिजली विभाग ने किया धरना

चंडीगढ़ के बिजली महकमे के निजीकरण के खिलाफ शिमला में बिजली विभाग ने किया धरना


शिमला:-    आज हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड एम्प्लाइज एवं इंजीनियर के जॉइंट फ्रंट द्वारा आज पूरे प्रदेश में चंडीगढ़ के बिजली महकमे के निजीकरण के खिलाफ भोजनाबकाश के दौरान धरना प्रदर्शन किया। यहां शिमला में बोर्ड़ मुख्यालय, कुमार हाउस, शिमला के बाहर सैंकड़ों कर्मचारियों व अभियन्ताओं ने धरना प्रदर्शन कर चंडीगढ़ के बिजली महकमे के निजीकरण का विरोध किया।


इस अबसर पर जॉइंट फ्रंट के संयोजक ई0 लोकेश ठाकुर ने कहा कि केंद्र शाशित प्रदेश चंडीगढ के बिजली विभाग को वर्ष 2021 में  केंद्र सरकार द्वारा एमिनेंट कंपनी को मात्र 871 करोड़ रुपये में बेच दिया गया। वहीँ राजस्थान व उत्तरप्रदेश में बिजली कंपनियों की निजी हाथों में देने के लिए पूरी तैयारियां चली है कुछ जगह तो निजी हाथों में देने बारे टेंडर तक लगा दिए गये हैं।


जॉइंट फ्रन्ट ऑफ़ HPSEB एम्प्लाइज एवं इंजीनियर की राष्ट्रीय स्तर पर NCCOEEE के अबाह्न पर आज पूरे प्रदेश में लगभग 63 विद्युत कार्यालयों के बाहर भोजन अबकाश के दौरान एक घण्टा धरना प्रदर्शन कर निजीकरण का विरोध किया और चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारियों के साथ एक जुटता दिखाई। इसके साथ ही बिजली महकमों के निजीकरण के खिलाफ महामहिम राष्ट्रपति को महामहिम राज्यपाल के माध्यम से फ्रंट द्वारा ज्ञापन भी भेजा गया।


इस अबसर पर जॉइंट फ्रंट के सह-संयोजक हीरा लाल वर्मा ने प्रदेश सरकार द्वारा बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन के लागू करने में की जा रही देरी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया तथा बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की घटती संख्या पर चिंता जताई और प्रदेश सरकार में उपभोक्ताओं को बेहतर सेवायें बनाये रखने के लिए शीघ्र नई भर्तियों की मांग की है। उन्होंने निकाले गए 81 उटसोर्स ड्राइवर की सेवायें बहाल करने व समाप्त किये गए 51 इंजीनियर के पदों को बहाल करने की मांग की है।

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