हिमाचली साहित्य पर संगोष्ठी और कविता पाठ का आयोजन - Smachar

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हिमाचली साहित्य पर संगोष्ठी और कविता पाठ का आयोजन

हिमाचली साहित्य पर संगोष्ठी और कविता पाठ का आयोजन




( पालमपुर : केवल कृष्ण )

पालमपुर : भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश, रचना साहित्य एवं कला मंच पालमपुर, तथा सीएसआईआर-हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी), पालमपुर के संयुक्त तत्वावधान में हिमाचल के साहित्य और संस्कृति को समर्पित एक भव्य साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन सीएसआईआर संस्थान में किया गया। इस कार्यक्रम में हिमाचली हिंदी साहित्य के विभिन्न आयामों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम मंच संचालन भाषा एवं संस्कृति निदेशालय, शिमला के सहायक निदेशक सुरेश राणा ने किया। भाषा अधिकारी संतोष पटियाल और जिला कांगड़ा से जिला भाषा अधिकारी अमित गुलेरिया, आईएचबीटी के भाषा अधिकारी संजय शर्मा , प्रोफेसर धर्म सिंह , डॉ गिरीश ,डॉ अरुण कुमार ने भी कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता की। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। दोनों सत्रों के मुख्यतिथि आईएचबीटी के निदेशक डॉ. सुदेश कुमार यादव रहे जबकि अध्यक्षता रचना साहित्य एवं कला मंच के अध्यक्ष और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सुशील कुमार फुल्ल ने की। डॉ सुदेश कुमार यादव ने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की और इसे साहित्य और संस्कृति के संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।हिमाचल का साहित्य हमारी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है और इसे संरक्षित करना आवश्यक है। प्रथम सत्र में समीक्षक डॉ. आशु फुल्ल ने "हिमाचल प्रदेश के हिंदी साहित्य में चित्रित समाज: विशेष संदर्भ उपन्यास" विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। इस पर हिमाचल प्रदेश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों सेपधारे विद्वजनो  गंगाराम राजी , चिरानंद शास्त्री,  कुशल कटोच, त्रिलोक मेहरा , राजीव त्रिगर्ती, सुदर्शन भाटिया, पंकज दर्शी,भूपिंदर भूपी, प्रभात शर्मा, विक्रम गथानिया , कृष्ण देव महादेविया जैसे विद्वानों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में कविता पाठ का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता रचना साहित्य एवं कला मंच के अध्यक्ष डॉ सुशील कुमार फुल्ल ने की। इस सत्र में महिला कवयित्रियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। इस सत्र में सुमन शेखर, कमलेश सूद, सुदर्शना भटेडिया, सोनिया शर्मा, सुमन बाला , शिवानी शर्मा , हरिप्रिया, रूपश्वरी, डॉ. शिल्पी और डॉ . आशु फ़ुल्ल ने अपनी कविताओं से साहित्यिक महफिल को जीवंत कर दिया। अलका वत्स ने अपने मधुर भजन से सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर आईएचबीटी के वैज्ञानिकों और शोधार्थियों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया जिन्होंने साहित्यिक चर्चा में एक नई ऊर्जा और दिशा प्रदान की। सभी विद्वानों ने हिमाचली संस्कृति और साहित्य के पुरोधा स्वर्गीय प्रत्यूष गुलेरी और डॉ डीसी चंबयाल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।कार्यक्रम के अंत में डॉ सुशीलकुमार फुल्ल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

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