पे कमीशन का बकाया किस्तों में देने के पंजाब सरकार के फैसले से कर्मचारी पेंशनरों में रोष: धीमान
पे कमीशन का बकाया किस्तों में देने के पंजाब सरकार के फैसले से कर्मचारी पेंशनरों में रोष: धीमान
बटाला(शर्मा):- पंजाब सरकार द्वारा पंजाब के कर्मचारी ,पेंशनरों को पे कमीशन के बकाए को देने संबंधी पंजाब सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के बाद कर्मचारियों में रोष की लहर है ।इस संबंधी जानकारी देते हुए पीडब्ल्यूडी फील्ड एंड वर्कशाप वर्कर यूनियन जिला गुरदासपुर /पठानकोट जोन प्रधान सतनाम सिंह,सरपरस्त रजिंदर धीमान ,महासचिव रजिंदर कुमार , चेयरमैन हरपाल सिंह, प्रेम कुमार, मनोहर लाल , महेंद्र पाल, सतीश शर्मा ने संयुक्त रूप से बताया कि पंजाब सरकार द्वारा कर्मचारी ,पेंशनरों के साथ पे कमीशन बकाए के किस्तों में देने को लेकर अधिसूचना जारी कर कर्मचारियों तथा पेंशनरों के साथ मजाक किया गया है ।
उन्होंने कहा कि फरवरी 2027 में सरकार का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नोटिफिकेशन के मुताबिक 12 से 42 महीने में बकाया देने का फैसला किया है । जबकि यह बकाया सरकार द्वारा एक किस्त में भी दिया जा सकता है । उन्होंने कहा कि फरवरी 27 में कार्यकाल समाप्त हो जाएगा जबकि किस्त का बकाया सितंबर 2028 तक मिलेगा जो कि गलत है । उन्होंने पंजाब सरकार के इस फैसले की निंदा की है उन्होंने मांग की है कि पे कमिशन बकाया एक किस्त में दिया जाए।
उन्होंने कहा कि पंजाब के कर्मचारियों को 42% महंगाई भत्ता मिल रहा है है जबकि पंजाब के साथ लगते हिमाचल ,हरियाणा ,चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर राज्य के कर्मचारियों को 53 प्रतिशत डीए मिल रहा है ।उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कहते हैं कि पंजाब खजाना भरा हुआ है तो कर्मचारी पेंशनरों के लिए हाथ क्यों खाली है। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है कि पुरानी पेंशन बहाल की जाए, डीए 11% पेंडिंग डीए दिया जाए। पे कमीशन का बकाया एकमुश्त रूप से दिया जाए।
इस मौके पर प्रधान राजेश कुमार , सीनियर उप प्रधान, नरेंद्र कुमार महासचिव ,अनिल कुमार ,बलविंदर सिंह कैशियर प्रेम कुमार, सतीश शर्मा, राजेंद्र कुमार, बलवंत सिंह ,मनजीत कुमार, विनोद कुमार, अमित कुमार, सुरेंद्र कुमार, मनोहर लाल ,भूपेंद्र सिंह, राकेश कुमार, राजीव सिंह ,ओम प्रकाश, महेंद्र पाल, रघुवीर, राकेश कुमार, भारती, अनिल कुमार, सुरेंद्र सिंह ,सोमराज ,विनोद, ,बलवान सिंह, सेवाराम, कमल किशोर, आदि उपस्थित रहे।
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