जनमानस की सुरक्षा को लेकर उपायुक्त ने जारी किए निर्देश
जनमानस की सुरक्षा को लेकर उपायुक्त ने जारी किए निर्देश
कुल्लू उपायुक्त कुल्लू, तोरुल एस. रवीश ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित वर्चुअल बैठक में जिला कुल्लू में हुई भारी वर्षा, बादल फटना, अचानक बाढ़ और जलस्तर में वृद्धि पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने जन जीवन की सुरक्षा, आपदा जोखिम में कमी और रोकथाम उपायों को प्रभावी तरीके से लागू करने के दिशा –निर्देश जारी किये हैं ।
शुक्रवार को उपायुक्त कुल्लू, ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 33 व 34 के अंतर्गत दिशा-निर्देश जारी किए। जारी आदेशों में सभी जल विद्युत परियोजनाओं में अर्ली वार्निंग सिस्टम पूरी तरह कार्यशील रखने, सायरन, हूटर या माइक प्रणाली सक्रिय रखने और अचानक जल छोड़े जाने या जलस्तर बढ़ने की स्थिति में तत्काल सक्रिय करने के निर्देश किये गए हैं। सभी एसडीएम को मानक संचालन प्रक्रिया सुनिश्चित करने को कहा गया है। तहसीलदार, श्रम अधिकारी व थाना प्रभारी के साथ समिति बनाकर नदी किनारे बसे, अवैध निर्माण, झुग्गियां आदि की पहचान व निष्कासन की कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
जिला में राफ्टिंग, रिवर क्रॉसिंग, पैराग्लाइडिंग, ज़िपलाइनिंग आदि सभी गतिविधियों को मौसम सामान्य होने तक तत्काल स्थगित करने के निर्देश जारी किये गए हैं । टूर ऑपरेटर्स, साहसिक खेल एजेंसियों को सुरक्षा मानकों पर जागरूक करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किये गए है । मौसम सम्बन्धी सूचनाओ कि जानकारी के सभी को सचेत मोबाइल ऐप के बारे जागरूक करने के लिए कहा गया है
आदेशों में पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति नदी किनारे, बाढ़ संभावित या हाई फ्लड लेवल जोन में न जाए। होटलों/रेस्तरां द्वारा नदी के किनारे बनाए गए ओपन सिटिंग एरिया को तहैं त्काल हटाने और एसडीएम, पर्यटन, पुलिस टीम नियमित गश्त कर उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने के दिशा –निर्देश जारी किये गए है
जारी निर्देशों में वन विभाग को ट्रेकिंग और कैंपिंग के लिए आईएमडी अलर्ट या खराब मौसम में अनुमति जारी करने के लिए मना किया गया है। पहले से जारी अनुमतियों की भी मौसम के हिसाब से समीक्षा कर स्थागित करने के निर्देश दिए गए हैं। ट्रेकर्स को लकड़ी के पुल या पगडंडियों के खतरे के प्रति आगाह करने के कहा गया है।
आदेशों में बागवानी/कृषि विभाग, एपीएमसी सचिव, ग्राम प्रधान यह सुनिश्चित करें कि कोई भी मज़दूर नदी किनारे, खड्डों या जलधाराओं के पास न रुके। बागबानों को इस तरह के खतरों के प्रति जागरूक करने और मज़दूरों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। उद्योग विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि नदियों व खड्डों में अवैध खनन न हो, जो बाढ़ के समय अत्यधिक जोखिम पैदा करता है। सभी स्कूल, कॉलेज, तकनीकी संस्थान, नर्सिंग कॉलेज छात्रों व स्टाफ को जागरूक करने और उन्हें नालों, पुलों और नदियों से दूर रहने की सलाह देने को कहा गया है ।
जिला पंचायत अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी डीआरडीए को सभी पंचायतों में लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष ग्राम सभाएं आयोजित कर नदियों/नालों के पास स्थायी/अस्थायी निर्माण न करने, उखड़े पेड़/लकड़ियां बटोरने हेतु नदी के पास नहीं जाने प्रति जागरूक करने को कहा गया है। सभी विभाग को मौसम विभाग से मिली जानकारी की नियमित मॉनिटरिंग व जनता, पर्यटकों, होटलों, तक प्रचारित करने के लिए कहा गया है।
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