बीते 40 घंटे से बोरवेल में फंसा मासूम, प्रशासन के देसी जुगाड़ भी हुए फेल, अब बनाई गई सुरंग
राजस्थान के दौसा जिले में बोरवेल में फंसे आर्यन को 40 घंटे हो चुके हैं। लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी एनडीआरएफ की टीम के हाथ अब भी खाली हैं। हालांकि टीम दौरा लगातार प्रयास किया जा रहा है।
आपको बता दें कि बीते सोमवार की रात को घर के पास बने बोरवेल में आर्यन मीणा गिर गया। इसके बाद जैसे ही घटना की सूचना मिली। आनन-फानन में प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। करीब दो दिन से जिले के जिलाधिकारी पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
सवाई माधोपुर से मंगलवाई गई पायलिंग मशीन से पुराने बोरवेल के बगल में एक और बोरवेल खोदा जा रहा है। करीब अस्सी फीट की खुदाई हो चुकी है। दोपहर तक खुदाई पूरी हो जाएगी। उसके बाद सामानांतर सुरंग बना कर जिस बोरवेल में आर्यन फंसा है वहां तक पहुंचा जाएगा। इस काम में शाम चार से पांच तक का वक्त लग सकता है। उसके बाद एक घंटे में आर्यन को बाहर निकाला जा सकता है। इससे पहले देसी जुगाड़ से निकालने की एनडीआरएफ ने कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली।
हर कोई भगवान से यही प्रार्थना कर रहा है की आर्यन जल्दी बोरवेल से बाहर निकले। आर्यन के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है. घटनास्थल पर राज्य सरकार के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी पहुंचे।
आर्यन को बोरवेल से निकालने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. बार-बार प्रयास के बावजूद भी सफलता नहीं मिल पा रही है। अब फाईलिंग मशीन के जरिए खुदाई का काम शुरू किया गया है। पिछले दो दिनों से मौके पर दौसा के डीएम देवेंद्र कुमार की मौजूदगी में चलाया जा रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ की टीम को एक बड़ी सफलता भी मिली। आर्यन के हाथ पर एक एल नुमा हुक को फंसाया गया। अब NDRF द्वारा रिंग डालकर बच्चे को कैप्चर करने का प्रयास किया जा रहा है। आर्यन यदि रिंग में फंसा तो उसको सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता मिल सकती है। बच्चे के नीचे भी अम्ब्रेला सेफ का जुगाड़ भी लगा रखा है। दौसा डीएम देवेंद्र कुमार व एसपी रंजीता शर्मा की मौजूदगी में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।
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