नूरपुर इंदौरा ज्वाली फतेहपुर व ब्लॉक मेडिकल क्षेत्र के अस्पतालो में आज ओपीडी सेवाएं बंद होने से मरीज परेशान हुए - Smachar

Header Ads

Breaking News

नूरपुर इंदौरा ज्वाली फतेहपुर व ब्लॉक मेडिकल क्षेत्र के अस्पतालो में आज ओपीडी सेवाएं बंद होने से मरीज परेशान हुए

 नूरपुर इंदौरा ज्वाली फतेहपुर व ब्लॉक मेडिकल क्षेत्र के अस्पतालो में आज ओपीडी सेवाएं बंद होने से मरीज परेशान हुए 


 नूरपुर : विनय महाजन /

 नूरपुर सिविल नागरिक अस्पताल नूरपुर व इंदौरा व ज्वाली फतेहपुर व ब्लॉक मेडिकल क्षेत्र के अस्पतालो मे आज ओपीडी सेवाएं बंद होने से अस्पताल में उपचार करने आए मरीजों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ाl मजबूर होकर मरीजों को सरकारी संस्थानों से प्राइवेट संस्थानों की तरफ जाना पड़ा प्रदेश में सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प होने से आम जनता परेशानl आज सरकारी अस्पतालों में विशेष कर डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहे जबकि डॉक्टरो ने केवल आपातकालीन सेवाएं जारी रख कर मरीजों का उपचार किया l सरकार की कार्यप्रणाली पर आज रोष ज़ताते हुए डॉक्टरों की टीम ने बताया की सरकार अपने फैसले पर गंभीरता से सोच करे l अगर अस्पताल में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों ने नूरपुर में जहाँ मरीजों के लिए ओपीडी की पर्ची बनती है वह स्थान सुरक्षा के नजरिये से सील कर दिया ताकि कोई ऐसी वैसी घटना ना हो सकेl अस्पतालों में रात दिन इमरजेंसी ड्यूटी देने वाले डॉक्टरो की सुरक्षा पर भी कई प्रश्न ऐसे मरीजों द्वारा विवाद का विषय बन सकते हैं जो डॉक्टर से अक्सर लड़ाई झगड़ा करते हैं प्रदेश में यह पहला उदाहरण देखने को मिला हैl शिमला के एक अस्पताल मे सरकार के निर्णय से प्रदेश में आज स्वास्थ्य सेवाएं आमजन मरीजों के लिए ठप्प रही इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का इलाज जारी रहा l ओ पी डी अस्पताल के सभी ओपीडी कमरे आज बंद रहें और मरीजों के लिए कोई भी नई ओपीडी पर्ची जारी नहीं दी गईं lअस्पताल के सभी डॉक्टर आज सामूहिक कैजुअल लीव पर हैं, जिसके कारण नियमित जांच सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पाई l मरीजों की सुविधा को देखते हुए केवल आपातकालीन सेवाएं सुचारू रूप से चालू रही। गंभीर स्थिति वाले मरीजों का इलाज कैजुअलटी वार्ड में किया गया। इस मामले में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अस्पताल के समस्त स्टाफ को निर्देशित कर दिया गया है कि वे अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को इस स्थिति के बारे में सूचित करें और उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करें। प्रशासन ने मरीजों से सहयोग की अपील की है और असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि इस मामले में शिमला में डॉक्टरों का एक प्रतिनिधि मुख्यमंत्री से मिला है शायद इस पर कोई निर्णय जनहित में आ सकता है l संघ का कहना है कि दूसरे पक्ष को सुने बिना ही सरकार ने यह कार्यवाही एकतरफा करते हुए भविष्य मे डॉक्टरों की सुरक्षा पर कोई विचार नहीं कियाl

कोई टिप्पणी नहीं