नगर परिषद की स्वच्छता अभियान पर उठे कई प्रश्न
नगर परिषद की स्वच्छता अभियान पर उठे कई प्रश्न
नूरपुर : विनय महाजन /
नूरपुर नगर परिषद के मुख्य बाजार में रोजाना दुकानों व गलियों में लोगों के घरों के गेट के आगे रातों-रात कूड़े के ढेर लगने से आम नागरिको परेशान होने की चर्चाए क्षेत्र में चर्चित है l इस शहर में परिषद द्वारा लगाये गये डस्टबिन भी पूरी तरह गायब हो गए हैं। परिषद द्वारा घर-घर कूड़ा उठाने के बदले 50 रूपये मासिक शुल्क भी लिया जाता है लेकिन कुछ लोग इस राशि से बचने के लिए कचरे को दुकानों के आगे और गलियों में फेंक देते हैं l खासकर रात को सड़कों व गलियों पर कूड़ा डालने की प्रवीती हर सरकार मे सामने आती रही है जिससे सारा दिन दुर्गंध व आवारा पशुओं की भरमार देखने को मिलती है l इस मामले मे बुद्धिजीवी वर्ग का कहना है कि यदि इसी तरह हालात बने रहे तो बीमारी फैलने और इसका नुकसान लोगों को उठाना पड़ सकता है। वहीं कुछ लोग कुछ लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं और मंदिरों के सामने ही कूड़े के ढेर लगा दिए जाते है l हालत यह है कि सड़कों व गलियों में लगे कूड़े के ढेर को आवारा जानवर गाय कुत्ते उठा उठा कर इधर-उधर फेंक देते हैं जिससे गंदगी का आलम और बढ़ जाता है। हालांकि नगर परिषद ने कूड़ा उठाने हेतु ट्रैक्टर व टेंपो की सुविधा रखी हुई है। बाजार में तो दो बार टेंपो कूड़ा उठाने आता है लेकिन उसके बावजूद भी लोग कूड़ा अपने पास इकट्ठा करने की बजाय सड़कों पर रात को फेंक देते हैं। सबसे बड़ी हैरानी की वात यह है कि नगर परिषद में चुने गए नगर पार्षदों व मनोनीत नगर पार्षदों द्वारा स्वच्छता अभियान को भी वार्डों में और बाजारों में लोगों को जागरूक करते हुए नहीं देखा गया है शायद यह कारण है कि कुछ लोग सरेआम कूड़ा रात के अंधेरे में बाजारों व गलियों में घर की सफाई करने के बाद डाल देते हैंl उधर कुछ बुद्धि की भी वर्क का कहना है कि नगर परिषद में कुछ ऐसे भी बढ़ है जहां पर सफाई ठेकेदार की लेबर कूड़ा उठाने का काम घरों में करती है वह भी कभी-कभी नगर परिषद के अन्य कामों में जुड़ जाने के कारण पूरा लेने में असमर्थ हो जाती है जब उनसे पूछा जाता है कि आपका यूनी आए तो उनका कहना होता है कि उनको किसी और जगह पर भेज दिया गया था स्टाफ का ना होना भी सरकार की स्वच्छता अभियान पर नगर परिषद में मुख्य कारण है l इस मामले मे नगर परिषद अध्यक्ष अशोक शर्मा ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को राहत दी जाएगी, लेकिन सक्षम होने के बावजूद शुल्क न देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वही इस मामले मे नगर परिषद के कार्यकारी प्रशासनिक अधिकारी आरएस वर्मा का कहना है कि यह मामला उनके ध्यान में लाया गया है इस पर गौर किया जाएगा और तुरंत नगर पार्षदों की एक बैठक इस मामले में बुलाई जाएगीl उन्होंने स्पष्ट किया कि शहर वासियों की समस्या का समाधान करना नगर पार्षदों का प्रथम कर्तव्य हैl


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